जिन लोगों की पाकिस्तान की सियासत में दिलचस्पी है उनके लिए इस मुल्क की खस्ता हो चुकी माली हालत पर नजर डालना लाजिमी है। इमरान खान की जिद के चलते पाक संसद में शुरू हुआ वनडे मैच टेस्ट में तब्दील हो गया। क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान अगस्त 2018 में नया पाकिस्तान बनाने के वादे के साथ तख्तनशीं हुए। उनका मुल्क नया हुआ या नहीं यह तो वहां की अवाम ही बताएगी लेकिन वक्त के आइने में सूरत बदहाल ही नजर आती है।
पाकिस्तान के अंदर इतनी बेचैनी क्यों है?
विश्व बैंक के साल 2019 के लिए मौजूद व्यापार के आंकड़े एक ऐसी कहानी बयां करते हैं जो इस बात की तस्दीक करता है कि इमरान खान को लेकर पाकिस्तान के अंदर इतनी बेचैनी क्यों है। विपक्षी पार्टियों की ओर से इलेक्टेड नहीं सेलेक्टेड पीएम का तमगा पा चुके खान को अब अवाम का साथ मिलेगा या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा।
सियासत की पिच
चंद बरस पहले सियासत की पिच पर विपक्षियों को बोल्ड कर बल्लेबाजी करने उतरे खान मुल्क की माली हालत को सुधार न सके लेकिन उसे बदतर जरूर बना दिया। विदेश नीति को लेकर हिंदुस्तान की शान में कसीदे पढ़ने वाले खान भी जानते हैं कि उन्होंने तुर्की से लेकर मलयेशिया तक हर कहीं बिना सोचे समझे दांव लगाया जो उल्टा ही पड़ा।
आयात-निर्यात से जुड़े नंबर
इसकी वजह विश्व बैंक के पाकिस्तान के आयात-निर्यात से जुड़े नंबरों में साफ नजर आती है। पाकिस्तान के बाकी सियासतदां व फौज भी इस हकीकत को समझते हैं। अगर पाकिस्तान के निर्यात की बात की जाए तो साल 2019 में जो देश उसका बनाया माल खरीद रहे थे उनकी टॉप 10 की लिस्ट में टॉप पर अमेरिका है जिस पर इमरान खान ने उनकी हुकूमत को बेदखल करने की साजिश का आरोप लगाया है।
निर्यात से आमदनी
अगर निर्यात से आमदनी की बात करें तो इससे पाकिस्तान में आने वाले हर 100 रुपए में से 16.97 रुपए अमेरिका से आ रहे थे। आपको याद दिलाते चलें कि निर्यात से आने वाला हर डॉलर मुल्क के फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व को मेंटेन रखने में मददगार है। आखिर देश को अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए होने वाले आयात के लिए भी डॉलर देने होते हैं। साथ ही खुद की करेंसी की बुनियाद भी ठीक रखनी होती है।
अमेरिका के सहयोगी
अब आगे बढ़ते हैं तीसरे नंबर पर अमेरिका का सहयोगी ब्रिटेन है जिसका हिस्सा इस 100 रुपए में से 7.06 है। इमरान खान के राजनीतिक शत्रु पूर्व पाक पीएम नवाज शरीफ इन दिनों ब्रिटेन की राजधानी लंदन में हैं। यूरोपियन यूनियन व नाटो के सदस्य देश जर्मनी, नीदललैंड, स्पेन व इटली का हिस्सा क्रमश: 5.65, 4.44, 3.98 व 3.40 है। टॉप 10 में 41.5 प्रतिशत हिस्सा अमेरिका व उसके सहयोगी 5 अन्य देशों का है। बचे 4 देशों में चीन 8.58, यूएई 4.95, अफगानिस्तान 4.97 व बांग्लादेश 3.33 प्रतिशत पर है। टॉप 10 देशों की पाकिस्तान के कुल निर्यात में हिस्सेदारी 63.33 प्रतिशत है।
चीन की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा
अब एक नजर आयात पर भी डाल लेते हैं। पाकिस्तान अपनी जरूरते पूरी करने के लिए जिन देशों से आयात करता है उनमें चीन की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है जो 24.78 प्रतिशत है। संयुक्त अरब अमीरात 12.65 प्रतिशत के साथ दूसरे नंबर पर है। अमेरिका, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, कतर, जापान, कुवैत, दक्षिण अफ्रीका व थाईलैंड का प्रतिशत क्रमश: इस प्रकार है 5.22, 4.87, 4.43, 4.37, 2.72, 2.50, 2.34, 2.12 है।
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