नॉर्वे की हेल्डेन जेल अन्य जेलों से वाकई अलग है। इस जेल में अपराधियों को सजा देने के लिए नहीं बल्कि उन्हें सुधारने के लिए रखा जाता है। इस जेल को 2010 में दुनिया की सबसे दयालु जेल का दर्जा दिया गया था। यह जेल किसी होटल से कम नहीं लगती। यहां रहने वाले कैदी खुद को किसी कैदखाने में बंधा नहीं समझते।
लकड़ियों के बने खिड़की-दरवाजों वाले इस जेल में हर चीज व्यवस्थित की गयी है और एक बार को इसे देखने वालों का यहीं रहने का मन कर जाता है। जेल के सेल बिल्कुल ही कॉलेज के हॉस्टल की तरह दिखते हैं। यह पूर्ण रूप से सुनियोजित और अच्छी व्यवस्था वाले लगते हैं। इस जेल में एक कमरा ऐसा भी है जहां सारे कैदी मिलकर वीडियो गेम्स और टीवी देख सकते हैं। इतना ही नहीं इस जेल में बास्केटबॉल और जिम भी है जहां पर हर प्रकार के खेलों की सुविधाएं उपलब्ध है।
संगीत प्रेमियों के लिए रिकॉर्डिंग रूम भी है जहां जाकर वह गाना सुन और गा सकते हैं। दिमाग की शांति के लिए यहां पर मेडिटेशन कैंप का भी आयोजन किया जाता है। यानी कि कैदी जब इस जेल से बाहर निकलता है, तो वह काफी हद तक एक अच्छा इंसान बन चुका होता है।
इस जेल का डिजाइन तैयार करने वालों की सोच थी कि अगर बुरे आदमी को सुधारना है तो उसे सामान्य व्यक्ति की तरह ट्रीट किया जाना चाहिए। ऐसा नहीं है कि यहां पर बस प्रशासन ही अच्छा बर्ताव रखता है। आप यहां पर कैदियों को भी संयमित व्यवहार करते हुए देख सकते हैं। वह खुद अपना खाना बनाते हैं और सभी सामान को सुसज्जित और सुव्यवस्थित करके रखते हैं।
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