इसी हफ्ते बेहद नाटकीय घटनाक्रम में चांग को कम्युनिस्ट पार्टी के अहम पद से हटा दिया गया था.
दो साल पहले किम जोंग उन ने अपने पिता के निधन के बाद उत्तर कोरिया की सत्ता संभाली, तब से ये वहां सबसे बड़ी राजनीतिक उथल-पुथल मानी जा रही है.
सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए ने बताया है कि चांग ने गुरुवार को एक सैन्य मुकदमे के दौरान स्वीकार किया कि उन्होंने सरकार का तख़्ता पलट करने की कोशिश की जिसके बाद उन्हें तुरंत मौत की सज़ा दे दी गई.
बताया जाता है कि जब किम जोंग उन ने अपने पिता किम जोंग इल से सत्ता संभाली तो चांग ने पूरी व्यवस्था को समझने में उनकी काफी मदद की. लेकिन अब सरकारी मीडिया में उन्हें 'कुत्ते से भी बदतर' बताया गया है.
अहम नेता
रिपोर्ट के अनुसार चांग ने माना कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया और अपनी राजनीतिक महत्वाकाक्षांओं के लिए सरकार के ख़िलाफ़ एक धड़ा बनाने का प्रयास किया.
"चांग सोंग थाएक को फांसी दिए जाने की खबर सही है तो यह उत्तर कोरिया की सरकार की क्रूरता का एक और नमूना है."
व्हाइट हाउस
चांग की शादी किम जोंग इल की बहन से हुई थी और वह सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी और देश की सबसे बड़ी सैन्य संस्था राष्ट्रीय रक्षा आयोग में कई वरिष्ठ पदों पर रह चुके थे.
उन्हें अकसर उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के साथ देखा जाता था.
इसी महीने पता चला था कि किम को राष्ट्रीय रक्षा आयोग में अहम पद से हटा दिया गया है और उनके दो सहयोगियों को मौत की सज़ा दे दी गई है.
इसके बाद सोमवार को केसीएनए की एक रिपोर्ट में दिखाया गया कि वर्दीधारी गार्डों ने उन्हें पार्टी के सत्र से हटा दिया.
प्रतिक्रिया
थाएक को हमेशा किम जोंग उन के साथ देखा जाता था. वो कोरिया में दूसरे सबसे शक्तिशाली नेता थे.
अमरीका, दक्षिण कोरिया और जापान का कहना है कि वे उत्तर कोरिया की स्थिति पर नज़र रखे हुए हैं.
अमरीकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अभी चांग को मौत की सजा दिए जाने की पुष्टि नहीं जा सकती है लेकिन उत्तर कोरियाई मीडिया की रिपोर्टों पर संदेह करने की कोई वजह नहीं दिखती.
व्हाइट हाउस के अनुसार अगर चांग सोंग थाएक को फांसी दिए जाने की खबर सही है तो यह उत्तर कोरिया की सरकार की क्रूरता का एक और नमूना है.
दक्षिण कोरिया में एक बैठक के बाद सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि वे उत्तर कोरिया की घटनाओं को लेकर चिंतित है और हर परिस्थिति के लिए तैयार हैं.
सियोल में मौजूद बीबीसी संवाददाता के मुताबिक दक्षिण कोरिया में पड़ोसी देश में संभावित अस्थिरता को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है.
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