शिखर वार्ता के बाद कोरियाई मेलमिलाप के प्रयास शुरू
सियोल (एएफपी)। दोनों कोरिया की ऐतिहासिक शिखर वार्ता के बाद आपसी मेलमिलाप के प्रयास शुरू हो गए हैं। उत्तर कोरिया ने सद्भावना के तहत दक्षिण के टाइम जोन में फिर शामिल होने का फैसला किया है। शनिवार को वह टाइम जोन एकीकरण के लिए अपनी घड़ी 30 मिनट आगे कर देगा। इसी तरह की भावना दिखाते हुए दक्षिण कोरिया ने उत्तर के खिलाफ प्रचार के लिए सीमा पर लगाए गए लाउडस्पीकर हटाने की घोषणा की है।
उत्तर कोरिया 30 मिनट आगे करेगा अपना टाइम
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन के साथ शुक्रवार को शिखर बैठक में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने टाइम जोन बदलने का वादा किया था। उत्तर कोरिया ने 2015 में अपनी घड़ी आधा घंटा बढ़ाकर दक्षिण से अलग टाइम जोन कर दिया था। केसीएनए न्यूज एजेंसी के मुताबिक, शिखर बैठक के दौरान दीवार पर अलग-अगल समय बताने वाली दो घडिय़ां देखकर किम को पीड़ा महसूस हुई थी। उन्होंने राष्ट्रीय तालमेल और एकता के पहले व्यावहारिक कदम के तौर पर टाइम जोन एक करने का फैसला किया। उत्तर कोरिया की संसद ने पांच मई से दक्षिण कोरिया के टाइम जोन में लौटने के फैसले को सोमवार को मंजूरी दे दी। मून के प्रवक्ता यून यंग-चान ने इसे दोनों देशों के बीच संबंध बेहतर होने का सांकेतिक कदम बताया है।
उत्तर कोरिया सीमा से हटाएगा दर्जनों लाउडस्पीकर
उधर, दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर के खिलाफ प्रचार करने वाले दर्जनों लाउडस्पीकरों को मंगलवार को हटा लिया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि उत्तर कोरिया भी ऐसे ही कदम उठाएगा। दक्षिण कोरिया ने शिखर बैठक से पहले ही इन लाउडस्पीकरों से प्रसारण बंद कर दिया था। 2016 में मनोवैज्ञानिक युद्ध के हथियार के तौर पर ये लाउडस्पीकर लगाए गए थे। इन लाउडस्पीकरों से उत्तर कोरिया के खिलाफ प्रचार और के-पॉप के गाने प्रसारित किए जाते थे। दक्षिण कोरिया की इस कार्रवाई के बाद उत्तर ने भी यही किया था।
परमाणु हथियार मुक्त बनाने पर सहमत हुए थे नेता
बता दें कि शिखर बैठक में किम और मून कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु हथियार मुक्त बनाने पर सहमत हुए थे। किम ने कहा था कि अगर अमेरिका कोरिया युद्ध के औपचारिक अंत सहमत होने और उत्तर कोरिया पर हमले नहीं करने का वादा करे, तो वह परमाणु कार्यक्रम छोड़ देंगे। अब अगले तीन से चार हफ्ते में होने वाली किम और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बैठक पर बहुत कुछ निर्भर है।
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