एक अमेरिकी थिंक टैंक ने थर्स डे को बताया कि रीसेंट सैटेलाइट पिक्चर्स से ऐसे इंडिकेशन मिलते हैं कि नॉर्थ कोरिया न्यूक्लियर रिएक्टर को दोबारा शुरू कर सकता है. यह न्यूक्लियर आर्म्स बनाने का मेन र्सोस है. एक्सपर्टस का कहना है कि योंगब्योन न्यूक्लियर एरिया में बना पांच मेगावाट का यह रिएक्टर पूरी तरह से चालू हो जाने पर एक साल में करीब छह किलो प्लूटोनियम बना सकेगा. इतना प्लूटोनियम एक न्यूरक्लियर बॉम्ब बनाने के लिए सफीशिएंट होता है.
नार्थ कोरिया अब तक तीन बार न्यूक्लियर टेस्ट कर चुका है और हाल में ही उसने नए अमेरिकी रिस्ट्रिक्शंस और यूनाइटेड नेशंस के एक कदम पर फोर्थ टाइम न्यूक्लियर टेस्ट करने की धमकी दी थी. यूनाइटेड नेशंस ने नॉर्थ कोरिया के हृयूमन राइट्स रिकार्ड को लेकर प्योंगयांग को कंडम किया था.
जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी में बने अमेरिकी-कोरिया इंस्टीट्यूट ने कहा कि सैटेलाइट से मिली नयी पिक्चंर्स से योंगब्योन में रीसेंट एक्टिविटीज का पता चला है. यह रिएक्टर को दोबारा शुरू करने की कोशिशों की इनिशियल स्टेज हो सकती है. गौर तलब है कि नॉर्थ कोरिया ने एक डिसआर्मामेंट ट्रीटी के तहत 2007 में योंगब्योन रिएक्टर को बंद कर दिया था. लेकिन 2013 में फाइनल न्यूक्लियर टेस्ट करने के बाद इसके मरम्मत का काम शुरू कर दिया था.
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