यह हिस्सेदारी तकनीकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट को बेची जाएगी.
इससे पहले कुछ निवेशकों ने इस सौदे का विरोध किया था, हालांकि इसके बावजूद कंपनी के शेयरधारक बिक्री सौदे को आगे बढ़ाने जा रहे हैं.
इस सौदे के लिए नियामकों की मंजूरी लेनी होगी और माना जा रहा है कि अगले साल की शुरुआत में ये सौदा पूरा हो जाएगा.
इससे पहले सितंबर में माइक्रोसॉफ्ट नोकिया के मोबाइल फोन कारोबार और लाइसेंस पेटेंट को खरीदने के लिए तैयार हुआ था.
चुनौती का सामना
बीते दिनों एपल और सैमसंग की लोकप्रियता बढ़ने के कारण स्मार्ट फोन बाजार में नोकिया की हिस्सेदारी तेजी से घटी थी.
फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी में मंगलवार को हुई बैठक में नोकिया के 3,900 निवेशकों में से 99.5 प्रतिशत निवेशकों ने इस सौदे को अपनी मंजूरी दी.
शेयरधारकों की पांच घंटे तक चली बैठक में अध्यक्ष रिस्तो सिलास्मा ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि इस बिक्री से फिनलैंड के नागरिक काफी भावुक होंगे क्योंकि वो इस फोन कंपनी को एक राष्ट्रीय सफलता के रूप में देखते थे.
लेकिन एक शेयरधारक ने समाचार एजेंसी रायटर को बताया कि वो मतदान से खुश है.
"मुझे विश्वास है कि इस बिक्री से फिनलैंड के नागरिक काफी भावुक होंगे क्योंकि वो इस फोन कंपनी को एक राष्ट्रीय सफलता के रूप में देखते थे."
-रिस्तो सिलास्मा, नोकिया
शेयरधारक हन्नू रेएप्पो ने कहा, "मैं एक बार फिर अच्छा महसूस कर रहा हूं. निश्चित रूप से यह एक अच्छा नतीजा है. यह नोकिया के लिए एक नई शुरुआत है."
बोर्ड में बदलाव
जब इस सौदे की घोषणा पहली बार हुई थी, उस समय नोकिया ने कहा था कि कंपनी के नेतृत्व में भी बदलाव होगा.
इस सौदे की शर्तों के तहत नोकिया के तत्कालीन अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी स्टीफन एलोप ने अपने पद और कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था.
स्टीफन एलपो 2010 में माइक्रोसॉफ्ट को छोड़कर नोकिया से जुड़े थे.
नोकिया का दबदबा खत्म होने का फिनलैंड की अर्थव्यवस्था पर भारी असर पड़ा है.
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