शिकागो बूथ बिज़नेस स्कूल के प्रोफ़ेसर थेलर की लिखी किताब 'नज' बताती है कि लोग किस तरह से ख़राब और बेतुके फ़ैसले करते हैं।
प्रोफ़ेसर थेलर ने ये किताब कैस आर स्नस्टीन के साथ मिलकर लिखी है। किताब आदमी की सोच और खर्च करने के उसके तौर तरीके के बीच के रिश्ते की पड़ताल करती है।
नोबेल सम्मान का फ़ैसला करने वाले जजों ने प्रोफ़ेसर थेलर के बारे में बताया कि उनके दिए तरीके से लोग खुद पर बेहतर तरीके से नियंत्रण रख सकते हैं।
'नज यूनिट'
इनाम के तौर पर प्रोफ़ेसर थेलर को नौ मिलियन स्वीडिश क्रोना यानी भारतीय मुद्रा में क़रीब सात करोड़ 30 लाख रुपये मिलेंगे।
इस पर उन्होंने कहा, "जहां तक मुमकिन हो सके मैं इसे बिना सोचे समझे खर्च करने की कोशिश करूंगा।"
रिचर्ड थेलर अपने काम के सिलसिले में ब्रिटेन पहुंचे और वहां साल 2010 में पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के मातहत एक 'नज यूनिट' की शुरुआत हुई।
इसका मक़सद था, लोगों के आर्थिक व्यवहार में बदलाव के तौर तरीके खोजना। इस 'नज यूनिट' के दफ्तर ब्रिटेन, न्यूयॉर्क, सिंगापुर और सिडनी में हैं।
नोबेल प्राइज़ का फैसला लेने वाली कमिटी के एक जज पेर स्ट्रोएमबर्ग ने कहा, "प्रोफ़ेसर थेलर का काम हमें बताता है कि इंसान की सोच उसके आर्थिक फैसलों को किस तरह से प्रभावित करती है।"
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नोबेल सम्मान
फैसला करने वाले जजों के पैनल ने कहा कि प्रोफ़ेसर थेलर की रिसर्च लोगों को बाज़ार के तौर-तरीकों को समझने और ख़राब फ़ैसलों से बचने में मदद करती है।
रिचर्थ थेलर हॉलीवुड फ़िल्म 'द बिग शॉर्ट' में एक मसखरे का किरदार निभा चुके हैं। इस फ़िल्म में वे साल 2007 और 2008 के वित्तीय संकट के पेचीदा आर्थिक वजहों पर बात करते हुए दिखते हैं।
मेडिसिन, भौतिकी, रसायन, साहित्य और शांति के बाद अर्थशास्त्र आख़िरी विषय था जिस पर इस साल के नोबेल सम्मान की घोषणा की गई।
अर्थशास्त्र का नोबेल सम्मान इकलौता ऐसा नोबेल सम्मान है जिसकी शुरुआत अल्फ्रेड नोबेल ने नहीं की थी। उनकी मौत के काफी बाद 1968 में इस पुरस्कार की शुरुआत की गई।
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