काला धुआं इस बात का संकेत है कि मंगलवार को 115 कार्डिनलों के मतदान में किसी भी उम्मीदवार को दो तिहाई कार्डिनलों का समर्थन नहीं मिल पाया जो नए पोप के चुनाव के लिए अनिवार्य है.

ये कार्डिकल तब तक हर रोज चार बार मतदान करेंगे जब तक किसी एक उम्मीदवार के नाम पर मुहर नहीं लग जाती है. जब नए पोप चुन लिए जाएंगे तो चिमनी से सफेद धुआं निकलेगा.

निर्वाचक मंडल में शामिल कार्डिनल अब बुधवार को फिर सिस्टीन चैपल में जुटेंगे और मतदान के जरिए पोप के चुनाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे.

चर्च की चुनौतियां
पिछले महीने पोप बेनेडिक्ट सोलहवें ने अपना पद छोड़ दिया जिसके बाद नए पोप को चुनने की ये प्रक्रिया शुरू हुई है. अभी कोई ऐसा स्पष्ट दावेदार उभर कर सामने नहीं आया जिसे बेनेडिक्ट के उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जा सके. बेनेडिक्ट सोलहवें ने ऐसे समय में पोप का पद छोड़ा है जब कैथोलिक चर्च बाल यौन शोषण और वेटिकन में भ्रष्टाचार के कथित आरोपों से जूझ रहा है.

रोम में बीबीसी के संवाददाता जेम्स रोबिन्स का कहना है कि कैथोलिक चर्च के सामने मौजूद चुनौतियों के मद्देनजर भी निर्वाचक मंडल के कार्डिनलों के लिए नए पोप को चुनना एक खासा जटिल काम है. इससे पहले मंगलवार को कार्डिनलों ने सेंट पीटर्स बेलेलिका में ‘सर्वोच्च पादरी के चुनाव के लिए प्रार्थना’ में हिस्सा लिया.

चुनाव की प्रक्रिया
जो 115 कार्डिनल नए पोप को चुनेंगे, उन सभी की उम्र 80 वर्ष से कम है. 80 वर्ष की उम्र को पार चुके कार्डिनल निर्वाचक मंडल में नहीं रखे गए हैं. जिस नाम पर भी दो तिहाई कार्डिनल अपनी मुहर लगाएंगे, वो 266वें पोप होंगे और 1.2 अरब कैथोलिक ईसाइयों का नेतृत्व करेगा.

नए पोप को चुनने की प्रक्रिया कहां तक पहुंची है, ये बात दुनिया को सिस्टीन चैपल के ऊपर लगी चिमनी से निकलने वाला धुआं बताएगा.

मंगलवार से हर दिन कार्डिनल चार बार मतदान करेंगे. दो बार सुबह को और दो बार दोपहर को. जब तक नए पोप को नहीं चुन लिया जाता है, इन सभी मतदान सत्रों के मतपत्रों को जला दिया जाएगा.

कार्डिनलों को नए पोप का चुनाव होने तक अपने होटल से सिस्टीन चैपल और सिस्टीन चैपल से अपने होटल तक जाने की ही अनुमति है. इन दौरान किसी अखबार, टीवी चैनल या फिर मोबाइल फोन तक उनकी पहुंच नहीं होगी.

 

 

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