10 साल के इस सफेद बाघ का नाम विशाल है। पड़ोस के बाड़े में रहने वाली मादा साथी ‘रूपा’ की सेक्स की चाहत पर ‘विशाल’ का रुख बेहद ठंडा रहा।
अधिकारियों के अनुसार कामेच्छा बढ़ाने की दवाएं भी बाघ को जोश दिलाने में नाकाम रहीं।
'शर्मीला' बाघ
विशेषज्ञों का कहना है कि विशाल हमेशा से ही बाड़े में रहा है और यही उसके ‘शर्मीलेपन’ का कारण है।
चिड़ियाघर से रिटायर हुए वरिष्ठ पशुचिकित्सा अधिकारी और अब वहाँ बतौर सलाहकार काम कर रहे दयानारायण बनर्जी ने बीबीसी को बताया, “हम पिछले छह महीने से विशाल को सेक्स के लिए प्रेरित करने की कोशिश कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “हमने उसकी सेहत सुधारने पर काम किया। उसे विटामिन डी, ए और ई समेत कामेच्छा बढ़ाने की दवाएं भी दी। लेकिन वह शर्मीला है और उसमें कामेच्छा के कोई गुण दिखाई नहीं दिए हैं।”
बनर्जी के अनुसार, “बाघ के लिए सहवास की सबसे अच्छी उम्र पाँच-छह साल है। सात-आठ साल के बाघ भी इसमें सफल होते हैं, लेकिन 10 साल से अधिक उम्र के बाघ के लिए यह बहुत मुश्किल है।”
सहवास की अनिच्छा
बनर्जी ने बताया कि जब विशाल को आठ साल की रूपा से मिलवाया गया तो उसका व्यवहार मित्रतापूर्ण था और दोनों के बीच दुश्मनी के कोई संकेत नहीं थे। लेकिन उनका संपर्क इससे आगे नहीं बढ़ा।
बनर्जी ने कहा, “रूपा चाहती (सहवास) थी, लेकिन विशाल अनिच्छुक था।”
बनर्जी ने कहा कि वह पक्के तौर पर नहीं कह सकते कि विशाल सहवास करने में सफल हो भी पाएगा कि नहीं, लेकिन चिड़ियाघर के अधिकारियों ने अभी कोशिशें नहीं छोड़ी हैं।
अधिकारी कहते हैं, “हम अब उसे रानी से मिलवाने पर विचार कर रहे हैं। वह बंगाली बाघिन है। लेकिन उसका बाड़ा विशाल के बाड़े काफी दूर है और उस फ़ैसले का इंतज़ार कर रहे हैं कि क्या उसे (रानी) को पास के बाड़े में लाया जा सकता है।”