समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि भारत ने अमरीकी राजनयिकों और उनके परिजनों को मिलने वाली विशेष सुविधा को हटाने के लिए कई क़दम उठाने शुरू किए हैं.
इसी कड़ी में दिल्ली पुलिस ने अमरीकी दूतावास के बाहर स्थित बैरिकेड्स को हटा दिया है.
सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने उप वाणिज्य दूत के साथ हुए कथित दुर्व्यवहार के विरोध में अमरीकी कांग्रेस के एक शिष्टमंडल से मिलने से इनकार कर दिया. गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अमरीकी प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर दिया.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन और गुजरात के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने भी मुलाक़ात से इनकार किया.
नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके बताया कि वो भी देश के साथ एकजुटता दिखाते हुए अमरीकी शिष्टमंडल से नहीं मिलेंगे.
विरोध
विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि भारत ने इस मुद्दे पर अमरीका के सामने कड़े शब्दों में अपना विरोध दर्ज कराया है.
देवयानी पर अपनी नौकरानी के लिए अनुचित तरीके से वीज़ा हासिल करने का प्रयास करने के आरोप हैं. बाद में उन्हें भारी ज़मानत पर छोड़ दिया गया.
अमरीका जहां उनकी गिरफ्तारी को क़ानून के मुताबिक बता रहा है, वहीं भारत ने इस पर कड़ा विरोध जताया है.
इसी कारण मंगलवार सुबह उपाध्यक्ष राहुल गांधी और गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने एक अमरीकी शिष्टमंडल से मिलने से इनकार कर दिया.
भारतीय जनता पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट किया कि उन्होंने अमरीकी शिष्टमंडल से मिलने से इनकार कर दिया है.
मदद की अपील
सलमान खुर्शीद ने कहा कि भारतीय राजनयिक से ऐसा व्यवहार स्वीकार नहीं किया जा सकता है
देवयानी खोबरागाड़े के पिता उत्तम खोबरागाड़े ने गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से मुलाक़ात की है. उन्होंने भारत सरकार से अपनी बेटी की मदद की अपील की है.
बीबीसी संवाददाता विनीत खरे को उन्होंने बताया, "कल मेरा यूपीए की अध्यक्षा सोनिया गांधी से मिलने का कार्यक्रम है. सुशील कुमार शिंदे देवयानी को व्यक्तिगत तौर पर जानते हैं."
उत्तम खोबरागड़े ने कहा, "देवयानी पर झूठे आरोप लगाए गए हैं. सरकार हमारे साथ है. यह सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वह देवयानी की सुरक्षा सुनिश्चित करे. देवयानी पर से झूठे आरोप वापस लेकर उनसे माफ़ी मांगी जानी चाहिए."
विदेश मंत्री खुर्शीद ने कहा, "भारत अपने राजनायिकों के साथ ऐसा व्यवहार स्वीकार नहीं कर सकता."
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, "जिस तरह से अमरीकी अधिकारियों ने उन्हें अपमानित किया हम इस घटना से आहत हैं. हमने वॉशिंगटन में अपने दूतावास के ज़रिए अमरीका के सामने इस मुद्दे को मज़बूती से रखा है."
वहीं भारतीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन ने अमरीका के इस कदम को असभ्य ठहराया है.
लेकिन अमरीका ने 1999 बैच की भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी देवयानी खोबरागड़े की गिरफ़्तारी को सही ठहराया.
मुलाक़ात से मना
"उनकी गिरफ्तारी के दौरान मानक कार्रवाई की गई.विएना समझौते के अनुसार भारतीय राजनायिकों को अमरीकी अदालतों से विशेष अधिकार हैं लेकिन वह केवल अपने पद से संबंधित काम के बारे में ही हैं."
मैरी हाफ, अमरीकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता
ये मामला अब दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव का रूप ले रहा है.
कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने भी इस मुद्दे पर कड़ा विरोध जताया है.
नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर लिखा है, "देश के साथ एकजुटता के मद्देनज़र वे अमरीकी प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिल रहे हैं."
बीजेपी नेता बलबीर पुंज ने कहा कि भारतीय विदेश मंत्री को अमरीकी प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिलना चाहिए था.
प्रवासी मामलों के मंत्री वायलार रवि ने देवयानी खोबरागाड़े की गिरफ्तारी को अमरीकी सरकार की 'अकड़' बताया है.
न्यूयॉर्क में उप वाणिज्य दूत 39 वर्षीय खोबरागड़े को अपनी बेटी को स्कूल छोड़ते समय गिरफ़्तार किया गया था.
'सही प्रक्रिया'
वायलार रवि ने देवयानी खोबरागाड़े की गिरफ्तारी को अमरीकी सरकार की अकड़ बताया है
अमरीका के विदेश मंत्रालय की उप प्रवक्ता मैरी हाफ ने संवाददाता संमेलन में कहा,"उनकी गिरफ्तारी के दौरान सही प्रक्रिया अपनाई गई."
देवयानी खोबरागड़े के साथ अमानवीय व्यवहार के आरोप के बारे में मैरी हाफ ने कहा, "विएना समझौते के अनुसार भारतीय राजनायिकों को अमरीकी अदालतों से विशेष अधिकार हैं लेकिन वह केवल अपने पद से संबंधित काम के बारे में ही हैं."
उप वाणिज्य दूत की गिरफ़्तारी पर नाराज़ भारत
न्यूयार्क में भारत की उप वाणिज्य दूत देवयानी खोबरागड़े को अपनी नौकरानी के लिए फर्जी वीज़ा दस्तावेज़ देने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था.
देवयानी खोबरागड़े को सार्वजनिक तौर पर हथकड़ी लगाई गई.
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