नोएडा (आईएएनएस) । ट्विन टावरों को तोड़े जाने के बाद अब सुपरटेक बिल्डर और एमराल्ड कोर्ट आरडब्ल्यूए (RWA) के बीच इस बात को लेकर बहस छिड़ गई है कि टावरों की जगह क्या बनाया जाएगा। आरडब्ल्यूए (RWA) के केस जीतने का आधार यह था कि जिस जगह ट्विन टावर खड़े थे, वह जमीन को पार्क के लिए अलॉट किया गया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने टावरों को गिराने का आदेश दिया था।
मलबा हटने पर ही साफ होगी स्थिति
सुपरटेक ग्रुप के मालिक आरके अरोड़ा ने बताया कि अभी यह तय नहीं हुआ है। जब तक मलबा पूरी तरह से हटा नहीं दिया जाता है, तब तक यह कहना मुश्किल है कि वहां क्या बनाया जाएगा। बहुत से लोग कुछ भी लिख रहे हैं, मुझे उन सभी चीजों की परवाह नहीं है, जब मलबा हटा दिया जाएगा, तो सुपरटेक साफ कर देगा कि स्थिति क्या है और वहां क्या बनाया जाएगा।
वही बनेगा जो नक्शे पर अंकित होगा
बता दें कि, सुपरटेक अभी भी ट्विन टावर की जमीन का मालिक है। लेकिन अगर वह वहां कुछ भी बनाती है तो उसे एमराल्ड कोर्ट के दो-तिहाई निवासियों से अनुमति लेनी होगी। आरडब्ल्यूए (RWA) की मानी जाए तो जो कुछ भी नक्शे पर अंकित होगा, उस जमीन पर सिर्फ वहीं बनेगा।
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