बिहार राज्य सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के सेशन लास्ट फोरनाइट में कैबिनेट की तीन बैठकों में कई प्रस्तावों के तहत लिए गए 34 फैसलों को रद्द कर दिया है. अब विभाग अगर चाहे तो पूरी प्रक्रिया फिर दोहराते हुए नए सिरे से प्रस्तावों को कैबिनेट के विचार के लिए भेज सकता है. निरस्त किए गए फैसलों में बिहार पुलिस के सिपाही से लेकर पुलिस निरीक्षक स्तर के अधिकारियों को साल में 13 महीने के वेतन भुगतान और होमगार्ड जवानों को तीन सौ रुपये की जगह चार सौ रुपये के दैनिक भुगतान को भी निरस्त कर दिया गया है.
मंत्रिमंडल की बैठक में पेट्रोल एवं डीजल पर अधिभार की दर दस प्रतिशत से बढ़ाकर बीस प्रतिशत कर दी गई है. मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव बी प्रधान ने मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि विगत 10, 18 और 19 फरवरी को जीतनराम मांझी मंत्रिमंडल द्वारा अन्यान्य के रूप में लिए गए कुल 34 फैसलों को निरस्त कर दिया है. यह निर्णय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया. कैबिनेट ने 11 प्रस्तावों को मंजूरी दी.
इन फैसलों को रद्द करने की वजह के बारे में कहा गया है कि कई बड़े फैसले राज्य में राजनीतिक उथल पुथल के बीच लिए गए थे. जदयू ने जीतनराम मांझी को पार्टी विधायक दल के नेता पद से हटाते हुए 7 फरवरी को ही नीतीश कुमार को अपना नया नेता चुन लिया था. इसके बाद विधानसभा में दोनों को बहुमत साबित करने का और विश्वास मत हासिल करने का मौका राज्यपाल ने 20 फरवरी को दिया था. लेकिन 20 फरवरी को सेशन शुरू होने से पहले ही मांझी ने इस्तीफा दे दिया था.
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