राज्य सरकार अब समोसा-कचौड़ी पर भी टैक्स वसूलेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फ़ैसला लिया गया।
राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि नीतीश सरकार के इस फ़ैसले ने रोटी-कपड़ा-मकान सबको महँगा कर दिया है।
उन्होंने कहा कि नीतीश ने जनता से जो वायदा किया था, यह निर्णय उसके ख़िलाफ़ है। सरकार के इस कदम से आम लोगों पर महँगाई का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
नीतीश सरकार के फ़ैसले के मुताबिक़ समोसा, कचौड़ी, निमकी, भुजिया, आलू चिप्स, नमकीन काजू और 500 रुपए से अधिक मूल्य की मिठाई पर अब 13।5 फ़ीसद टैक्स लगेगा।
इससे पहले राज्य सरकार समोसा, निमकी और कचौड़ी पर कोई टैक्स नहीं वसूलती थी।
सूखे मेवे, पैक्ड चनाचूर, भुजिया, दालमोंठ, चिप्स और नमकीन मूंगफली जैसे अन्य खाद्य सामग्रियों पर अब सरकार पांच फ़ीसद की जगह 13।5 फ़ीसद टैक्स वसूलेगी।
इसके अलावा दो हज़ार या अधिक मूल्य की साड़ियों और 500 रुपए प्रति मीटर से अधिक मूल्य के कपड़ों पर अब पांच प्रतिशत टैक्स लगेगा।
सरकार ने इसके लिए बिहार मूल्यवर्धित कर नियमावली में संशोधन किया है।
जानकारों का मानना है कि राज्य सरकार ने यह फ़ैसला एक अप्रैल से शराब पर लगने वाले प्रतिबंध से राजस्व को होने वाले घाटे की भरपाई के लिए किया है।
सरकार ने मध्यम और उच्च वर्ग के उपयोग की वस्तुओं मच्छर मारने की दवा, सौन्दर्य प्रसाधन, कपड़े, बिजली का सामान, कंप्यूटर, ऑटो पार्ट्स, रेत आदि पर भी टैक्स बढ़ा दिया है।
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