नई दिल्ली (एएनआई)। Nirbhaya Case निर्भया सामूहिक दुष्कर्म व हत्या के मामले में फांसी की सजा पाने वाले चारों दोषियों विनय शर्मा, अक्षय सिंह ठाकुर, पवन गुप्ता और मुकेश के परिजनों ने अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है। इच्छामृत्यु मांगने वालों में दोषियों के बुजुर्ग माता-पिता, भाई-बहन और उनके बच्चे शामिल हैं। ऐसे में दोषियों के परिजनों द्वारा इच्छामृत्यु की डिमांड के बाद पीडि़ता की मां आशा देवी ने सोमवार को राष्ट्रपति से अपील की मैं न्याय के लिए पिछले सात वर्षों से भटक रही हूं। मैं भी पिछले सात साल से मर रही हूं। इसलिए अब मुझे न्याय मिलना ही चाहिए। लोग आज मेरी बच्ची को निर्भया के नाम से जानते हैं। पिछले सात वर्षों में इस बारे में लोगों के ताने भी मुझे झेलने पड़े।
अब 20 मार्च को निर्धारित समय मौत की सजा दी जाएगी
आशा देवी ने एएनआई से बात करते हुए कि लोग कहते हैं कि मैं एक नाटक बना रही हूं। मैं पूरे देश को बताना चाहता हूं कि अगर कोई ऐसा व्यक्ति है जो अपराध का शिकार हुआ है और उसके परिवार द्वारा न्याय की मांग अगर एक नाटक है तो मैं कहना चाहती हूं कि हां यह नाटक ही सही। मैं एक नाटक बना रही हूं। पूरे देश को हमारी लड़कियों को न्याय सुनिश्चित करने के लिए इस नाटक में शामिल होना चाहिए। हालांकि इस दौरान उन्होंने उम्मीद जताई कि दोषियों को अब 20 मार्च को निर्धारित समय मौत की सजा दी जाएगी। अब चौथा डेथ वारंट आखिरी होगा। अब दोषियों के पास लगभग सभी कानूनी विकल्प खत्म हो गए।
यह फैसला सभी लड़कियों के लिए न्याय और सुरक्षा हित में
आशा देवी ने यह भी कहा कि 2017 में, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट और ट्रायल कोर्ट द्वारा चारों दोषियों को दी गई मृत्युदंड की सजा को बरकरार रखा। इसके बाद से मुझे सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है कि जो भी फैसला होगा, वह हमारे पक्ष में और देश के पक्ष में होगा। उन्होंने साथ में यह भी कहा कि यह केवल निर्भया के लिए न्याय के बारे में नहीं है - यह फैसला सभी लड़कियों के लिए न्याय और सुरक्षा के बारे में है। निर्भया मामले में चारों दोषियों को 20 मार्च, 2020 को सुबह 5.30 बजे फांसी दी जानी है। दोषियों को फांसी की सजा देने के लिए जल्लाद पवन अगले 17 मार्च को तिहाड़ जेल पहुंच जाएगा।
निर्भया कांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था
बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 की रात को दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा के साथ 6 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म करने के साथ ही उसे चलती बस से बाहर फेंक दिया था। उपचार के दौरान पीडि़ता की मौत हो गई थी। इस मामले के 6 दोषियों में दोषी आरोपी राम सिंह था, जो तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर चुका है। एक अन्य आरोपी किशोर को किशोर न्याय बोर्ड ने दोषी ठहराया था। वह तीन साल तक सुधार गृह में रहने के बाद रिहा हो गया था। निर्भया कांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।
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