वह दिन सबसे बुरा था
नई दिल्ली (प्रेट्र)। क्रिकेट के खेल में कभी-कभी ऐसा वक्त आता है, जब खिलाड़ी के पास हीरो बनने का मौका आता है। कुछ तो इस मौके को भुना ले जाते हैं। वहीं कुछ लोगों इस गोल्डेन चांस को गंवा बैठते हैं। ऐसा ही एक सुनहरा अवसर निदाहास ट्रॉफी फाइनल में विजय शंकर को मिला था, मगर वह इसका फायदा नहीं उठा सके। भारत का जब जीत के लिए कम गेंदों में ज्यादा रन की जरूरत थी। ऐसे वक्त शंकर ने बेहद धीमी पारी खेली। इस युवा आलराउंडर खिलाड़ी ने अपनी उस पारी पर चुप्पी तोड़ते हुए बड़ा बयान दिया है। शंकर का कहना है कि, 'वह जिंदगीभर इस मैच को नहीं भूल पाएंगे। यह एक खराब दिन था। मैं इससे बाहर आना चाहता हूं। पूरा टूर्नामेंट मेरे लिए शानदार गुजरा था मगर आखिरी मैच में सबकुछ बदल गया। मुझे पता है कि बतौर खिलाड़ी मुझे इस सदमे से बाहर आना होगा।'
हीरो बनने का मौका गंवा दिया
शंकर ने सोशल मीडिया पर हो रही उनकी खिंचाई पर कहा कि, 'मुझे पता है कि जब आप टीम इंडिया के लिए खेलते हैं तो इन सबका सामना करना पड़ता है। फाइनल मैच में जब मैं रन नहीं बना पाया तो मुझे ट्रोल किया जा रहा। वहीं अगर मैं यह मैच जीता देता तो यही लोग मेरी बढ़ाई करते।' खैर यह सबकुछ जिंदगी का अनुभव है इससे दूर नहीं भागा जा सकता।' 27 वर्षीय शंकर आगे कहते हैं कि, 'मैंने हीरो बनने का अवसर गंवा दिया। मुझे खेल को खत्म करना चाहिए था मगर वो मौका हाथ से निकल गया। हालांकि मैच खत्म होने के बाद कप्तान रोहित और कोच रवि ने मुझे समझाया कि जब सबकुछ ठीक रहा तो मुझे अतिरिक्त सोचने की कोई आवश्यकता नहीं'।
आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करना है
घरेलू क्रिकेट में विजय शंकर एक बेहतरीन आलराउंडर हैं। वह विकेट भी निकालते हैं और रन भी बना लेते हैं। बांग्लादेश के खिलाफ फाइनल में भी शंकर स्ट्राइक रोटेट करने की बजाए बड़ी हिट लगाने की सोच रहे थे। शंकर ने बताया कि, उस दिन मैं लंबे शॉट लगाने की सोच रहा था। मगर मुस्तफिजुर रहमान ने बढ़िया गेंदबाजी की।' भारतीय टीम में दोबारा मौका मिलेगा कि नहीं इसके जवाब में शंकर ने कहा, 'वह सेलेक्शन के बारे में कभी नहीं सोचते। आगे आईपीएल आने वाला है और मेरा पूरा फोकस आईपीएल में अच्छे प्रदर्शन पर होगा।'
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