बांग्लादेशी खिलाड़ियों में नहीं है खेल भावना
पिछले कुछ सालों में बांग्लादेशी क्रिकेट में काफी बदलाव देखने को मिला है। यह सिर्फ उनके खेल नहीं व्यवहार में भी झलकता है। कोई भी बांग्लादेशी खिलाड़ी हो, वो जीत के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। ये अंपायर से बहस कर सकते हैं, मैदान पर लड़ सकते हैं क्रिकेट को शर्मसार करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। शुक्रवार को निदाहास ट्रॉफी के वर्चुअल सेमीफाइनल में ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला। जिसकी वजह से बांग्लादेशी क्रिकेट टीम की हर तरफ आलोचना हो रही है। इनके खिलाड़ियों ने मैदान पर सिर्फ खेल नहीं और भी बहुत कुछ खेला, जो खेल भावना के अंतर्गत कतई नहीं आता।
रोमांचक जीत दर्ज कर हुए बेकाबू
कोलंबो के प्रेमदासा स्टेडियम में बीती रात निदाहास ट्रॉफी का सबसे बड़ा और अहम मैच खेला गया। श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच हुए इस मुकाबले में जीतने वाली टीम को सीधे फाइनल में एंट्री मिल जाती। ऐसे में दोनों टीमें यह मैच हर हाल में जीतना चाहती थीं। श्रीलंका ने पहले खेलते हुए निर्धारित 20 ओवर में 159 रन बनाए। अब बांग्लादेश को जीत के लिए 160 रनों की दरकार थी। ओपनर बल्लेबाज तमीम इकबाल के शानदार अर्धशतक की बदौलत बांग्लादेशी टीम लक्ष्य के बहुत करीब पहुंच गई थी। मैच आखिरी ओवर तक चला गया। बांग्लादेश को एक ओवर में 12 रन चाहिए थे। बॉलिंग पर थे गेंदबाज इशुरु उडाना। ओवर की पहली गेंद बाउंसर थी जिस पर कोई रन नहीं बना। दूसरी गेंद फिर बाउंसर थी जिस पर रन लेने के चक्कर में खिलाड़ी रन आउट हो गया। बाउंड्री के बाहर बैठे कप्तान शाकिब अल हसन को लगा कि साइड अंपायर ने इसे नो-बॉल दिया मगर स्टंप के पीछे खड़े अंपायर ने नो-बॉल नहीं दी। बस यहीं से बात बिगड़ गई।
लड़े-झगड़े और शीशा भी तोड़ा#SLvBAN
Bangladesh always best in fight pic.twitter.com/gDvpugGmZW— Yogendra Vishwakarma (@yogendrarkl) 16 March 2018
अंपायर के इस फैसले से नाराज बांग्लादेशी कप्तान भड़क गए, उन्होंने बल्लेबाजों को वापस बुला लिया। काफी देर तक मैच रुका रहा। बाद में मामला शांत होने के बाद मैच फिर शुरु हुआ। अब बांग्लादेश को जीत के लिए 4 गेंदों में 12 रन की जरूरत थी। स्ट्राइक लिए बांग्लादेशी बल्लेबाज ने चौके-छक्के लगाकर यह मैच जिता दिया। श्रीलंका जैसी बड़ी टीम को हराने के बाद मानो बांग्लादेशी खिलाड़ी अपना मानसिक संतुलन खो बैठे। सभी ने पहले मैदान पर नागिन डांस किया। इसके बाद जब सभी खिलाड़ी मैदान से बाहर जा रहे थे, तो एक बांग्लादेशी खिलाड़ी श्रीलंकन खिलाड़ी से भिड़ गया। मामला इतना बढ़ा कि मारपीट की नौबत आ गई। खैर अंपायरों और साथी खिलाड़ियों ने बीच-बचाव कर सभी को शांत किया। जीत के जश्न में बेकाबू बांग्लादेशी खिलाड़ियों का बुरा व्यवहार सिर्फ मैदान तक ही सीमित नहीं रहा। ड्रेसिंग रूम में जाकर भी इन प्लेयर्स ने जमकर उत्पात मचाया। ड्रेसिंग रूम का शीशा तक तोड़ दिया गया।
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