सिद्धार्थनगर (आईएएनएस)। जाको राखे साईयां, मार सके न कोई ये कहावत आज फिर सच साबित हुई। उत्तर प्रदेश के सिद्घार्थ नगर में एक गांव के नजदीक मिट्टी में कोई नवजात बच्चे को दबा गया था। बच्चा पूरा मिट्टी से ढका हुआ था, ऐसे में किसी को दिखा नहींं। मगर जब उसके रोने की आवाज आई, तो गांव वालों ने मिट्टी खोदी जिसके अंदर से नवजात निकला। उसे तुरंत अस्पातल में भर्ती किया गया।

एक हफ्ते तक डॉक्टर की निगरानी में रहेगा नवजात

शिशु को पहले स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और फिर जिला अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उसकी हालत अब स्थिर है। सीएचसी में बच्चे का इलाज करने वाले डॉक्टर मानवेंद्र पाल ने कहा, 'बच्चे को जोगिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया और उसकी हालत में दिन पर दिन सुधार हो रहा है। वह कुछ कीचड़ निगलता दिखाई दिया, लेकिन वह अब ठीक है। डॉक्टर ने बताया, नवजात को लगभग एक सप्ताह तक निगरानी में रखा जाएगा।

जमीन के अंदर था दफन

यह घटना तब सामने आई जब सिद्धार्थनगर जिले के सुनौरा गाँव में स्थानीय ग्रामीणों ने एक बच्चे के रोने की आवाज सुनी। उन्होंने पहचाना कि आवाज कहां से आ रही है। फिर मिट्टी को हटाया तो एक नवजात को जिंदा दफन पाया। जोगिया थाना प्रभारी अंजनी राय ने कहा कि इस घटना के संबंध में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। शिशु को चाइल्डलाइन भेजा जाएगा। उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

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