न्यूजीलैंड में खेला गया ये रोमांचक मैच
कहते हैं असली क्रिकेट का मजा तो टेस्ट मैच में ही आता है। यहां टी-20 की तरह फटाफट शॉट नहीं लगते, बल्िक धैर्य से पारी को आगे बढ़ाया जाता है। कोई खिलाड़ी कितनी देर तक पिच पर टिका रह सकता है, इससे उसकी प्रतिभा का अंदाजा लगाया जाता है। मंगलवार को न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में मेजबान कीवी और मेहमान इंग्लिश टीम के बीच ऐसा ही रोमांचक टेस्ट मैच खेला गया। दो मैचों की इस टेस्ट सीरीज में कीवी टीम 1-0 की बढ़त बना चुकी थी। मगर दूसरे टेस्ट में उनकी हालत पतली हो गई। मैच जीतना तो दूर, ड्रा कराने में पसीने छूट गए। इस बीच दर्शकों को मैदान पर वो नजारा देखने को मिला, जो न तो वनडे और न ही टी-20 में देखने को मिलता है।
जीत के लिए नहीं ड्रा के लिए खेल रहे थे खिलाड़ी
न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का निर्णय लिया था। इंग्लैंड पहली पारी में बड़ा स्कोर नहीं बना पाई और पूरी टीम 307 रन पर ऑलआउट हो गई। जवाब में कीवी टीम सिर्फ 278 रन ही बना सकी। फिर इंग्लैंड की जब दोबारा बैटिंग आई तो उन्होंने 352 रन का स्कोर खड़ा किया, अब न्यूजीलैंड को जीत के लिए 382 रन बनाने थे। कीवी टीम के लिए यह मैच जीतना या ड्रा कराना इसलिए जरूरी था, क्योंकि पिछले 34 सालों से वह घर पर इंग्लैंड के खिलाफ कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीते थे। बस फिर क्या, कीवी खिलाड़ियों ने यह बात गांठ बांध ली। भले ही 150 रन पर आधी टीम पवेलियन लौट गई मगर निचले क्रम के बल्लेबाजों ने जो बल्लेबाजी की, उसे देखकर शायद विराधी भी एक बार शाबाशी दे देंगे।
एक कैच पकड़ने के लिए कप्तान ने लगा दिए 10 फील्डर
न्यूजीलैंड के गेंदबाज ईश सोढ़ी और नील वैगनर विकेट पर ऐसे खूंटा गाड़ कर बैठ गए कि इंग्लिश गेंदबाजों को उन्हें आउट करने में पसीने छूट गए। वैगनर ने जहां 7 रन बनाने के लिए 103 गेंद खेली, वहीं सोढ़ी ने 168 गेदों में 56 रन बनाए। इंग्लैंड ने बहुत कोशिश की दोनों बल्लेबाजों को आउट कर सके। इसके लिए कप्तान ने सारे फील्डरों को बुलाकर बल्लेबाज के इर्द-गिर्द लगा दिया। यानी कि गेंदबाज और कीपर को छोड़ दें तो सारे फील्डर पिच के आस-पास ही खड़े थे। क्रिकेट जगत में ऐसा नजारा बहुत कम देखने को मिलता है। खैर कीवी गेंदबाजों की बल्लेबाजी काम आई और यह मैच ड्रा रहा। मेजबान न्यूजीलैंड को 34 साल बाद अपने घर में टेस्ट सीरीज जीत नसीब हुई।
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