पुराने अफेयर्स का ना जिक्र करें ना सवाल
लड़का हो या लड़की दोनों ही को ये ख्याल रखना चाहिए कि आप एक दूसरे से पुराने संबधों के बारे में बात ना करें। ये बातें सामने वाले को असहज महसूस करा सकती हैं और आपके आने वाले दिनों में भी तानों और राय बनाने की वजह बन सकती हैं। दूसरे गुजरे हुए कल को आने वाले कल में शामिल करना कोई समझदारी की बात नहीं है। आने वाली जिंदगी आप दोनों की है उसे बीते हुए वक्त के रिश्तों के आइने में क्यूं देखना।
 
पसंद नापसंद पर चर्चा करना है बेकार
सबसे पहले तो ये वक्त बर्बाद करने वाली बात है क्योंकि कई चीजें ऐसी होती हैं जो जिन पर आपकी पसंद नापसंद वक्त के साथ बदलती रहती है। और दूसरी बात ये है जब आप एक दूसरे को पसंद करते हैं तो एक दूसरे की पसंद नापसंद बिना कहे धीरे धीरे समझ ही जायेंगे। कई बातें ऐसी भी होंगी जो आप एक दूसरे की खातिर छोड़ना या अपनाना भी चाहेंगे ऐसे में पहले से उन पर चर्चा करके कांशस करना ठीक नहीं है।

पारिवारिक मतभेदों की चर्चा से बचें
हर परिवार की अपनी मुश्किलें होती हैं और उनको देखने समझने का सबका अपना तरीका होता है। पर सगाई के बाद बाद अपनापन जताने के चक्कर में एक दूसरे को अपने परिवार की बातें खास कर झगड़े और समस्यायें ना बतायें। इससे दोनों के ही मन में ससुराल वालों को लेकर एक अलग ही धरणा बन सकती है। औश्र अगर पहना ही प्रभाव खराब होगा तो भविष्य आप एक दूसरे के परिवार को उसी नजरिए से देखोगे और उनके साथ बर्ताव करोगे।
 
ना रखें नकारात्मक रवैया
कुछ लड़कियां अक्सर इन सिक्योरिटी का शिकार हो जाती हैं कि कहीं मेरा महत्व कम ना हो जाये, ऐसे में वे अजीब नकारात्मक रुख अपना लेती हैं जैसे लड़कियों को उनका अपेक्षित सम्मान औश्र महत्व नहीं दिया जाता पर मैं वैसी नहीं मुझे इग्नोर किया जाना या लेट डाउन किया जाना बर्दाश्त नहीं है। वही दूसरी ओर लड़के भी कभी कभी ये जताने की कोशिश करते हैं कि वो तो अपने घर में बड़े लाडले हैं और कोई काम अपने हाथ से नहीं करते, उन्हें रॉयल ट्रीटमेंट मिलता है और वे इसे बदलना नहीं चाहते। ध्यान रखिए बदलाव ना करना या अपना अति महत्व जताना दोनों ही तरीके रिश्ते पर नकारात्मक असर डालते हैं। ऐसा ना करें और एक दूसरे को समय दें और बदलाव के लिए मानसिक रूप से तैयार रहें।

Couple talking

फाइनेंशियल बातें
अगर रिश्ता तय हुआ है तो आप को एक दूसरे और दोनों फेमिलीज का फाइनेंशियल स्टेटस मालूम ही होगा। इसके अलावा जरूरी चीजें जरूर जानें जैसे सामने वाली ने अपनी आमदनी और खर्च के बारे में कोई बड़ा झूठ तो नहीं बोला है। लेकिन क्या सेविंग करनी है कैसे खर्चा करना है ये बातें इंगेजमेंट और शादी के बीच के वक्त में डिस्कस ना करें। बल्कि फाइनेंशियल मैटर्स को जब आप दोनों ही साथ हों तो बिलकुल अवायड करें। क्योंकि एक तो ये बेहद अनरोमांटिक है और दूसरे आपके मनी माइंडेड होने की ओर इशारा करता है। ये बातें परिवार को ही तय करने दें और इसमें बीच में दखल ना दें। एक दूसरे फाइनेंशियल स्टेटस को कंफर्म का दायित्व भी परिवार पर ही छोड़ दें।

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