राज्यश्री का कहना है कि 114 वर्षीय निज़ामुद्दीन इस बात से नाराज़ हैं कि कांग्रेस सरकार ने नेताजी के हवाई दुर्घटना में मरने की खबर फैलाई.
राज्यश्री के मुताबिक निज़ामुद्दीन का दावा है कि वो खुद उस तथाकथित दुर्घटना के बाद नेताजी को बर्मा (अब म्यांमार) सीमा के पास सितांगपर नदी के किनारे छोड़कर आए थे.
निज़ामुद्दीन को ये भी याद है कि जिस दुर्घटना की बात की जा रही है उसके तीन या चार महीने बाद उन्होंने नेताजी को छोड़ा था.
आज़मगढ़ में इस्लामपुर के रहने वाले निज़ामुद्दीन का ये भी दावा है कि वे वर्ष 1943 से वर्ष 1945 के दौरान आज़ाद हिन्द फ़ौज में बतौर ड्राइवर नेताजी के साथ थे.
राज्यश्री चौधरी का कहना है कि वे अब नेताजी से संबंधित सभी गोपनीय फाइलों को जनता के सामने लाने के लिए अपनी मुहिम तेज़ करेंगी.
उन्होंने बीबीसी से कहा कि वो इस मुहिम में निज़ामुद्दीन का साथ चाहती हैं.
भारत की स्वतंत्रता के लिए आज़ाद हिंद फ़ौज का नेतृत्व करने वाले सुभाष चंद्र बोस की मौत एक रहस्य बनी हुई है. इस मुद्दे पर राजनीतिक हलकों और बुद्धिजीवियों के बीच तीखी बहस होती रही है.
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