- संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर व बहराइच जिले के पिछड़े क्षेत्रों में भी रेल लाइन
- 4940 करोड़ रुपए की लागत से साल 2024-25 तक पूरी होगी 240 किमी नई रेल लाइन
GORAKHPUR: गोरखपुर और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को बहराइच और सिद्धार्थनगर जाने के लिए ज्यादा सोचना नहीं पड़ेगा। वहीं कपिलवस्तु के साथ ही श्रावस्ती और बलरामपुर जाने के लिए लोगों को बस नहीं तलाशनी होगी। खलीलाबाद-बहराइच रूट पर भी जल्द ही रेलगाडि़यां दौड़ लगाएंगी और लोगों को बस की ठोकरें नहीं खानी पड़ेंगी। केंद्र सरकार की कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश के नई रेल लाइन की मंजूरी दे दी है। यह नई रेल लाइन खलीलाबाद से बहराइच के बीच बिछाई जाएगी, जो संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर और बहराइच जनपद से होकर गुजरेगी।
2025 तक कंप्लीट होगा वर्क
240 किमी लंबी यह नई रेल लाइन (बड़ी लाइन) खलीलाबाद से शुरू होकर मेंहदावल, डुमरियागंज, उतरौला, श्रावस्ती, भिनगा और बहराइच तक बिछाई जाएगी। इस रेल लाइन को पूरा करने के लिए वर्ष 2024-25 तक का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए कैबिनेट ने 4940 करोड़ रुपए का बजट भी प्रस्तावित कर दिया है। खलीलाबाद-बहराइच नई रेल लाइन का सर्वे वर्ष के शुरुआत में ही पूरा हो गया था। एनई रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन ने चार माह पहले रेलवे बोर्ड और मंत्रालय को डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करके भेज दिया था।
दो रूट पर अभी इंतजार
इस रूट का मामला सरकार के पाले में था। लंबे मंथन के बाद आम जनता की परेशानियों और मांग को देखते हुए सरकार ने पिछड़े क्षेत्र में नई रेल लाइन बिछाने के लिए आखिरकार हरी झंडी दे दी है। अब सहजनवा-दोहरीघाट 70 किमी और वाया महराजगंज आनंदनगर-घुघली 50 किमी नई रेल लाइन को भी सरकार के रहमो-करम का इंतजार है। इसके लिए भी एनई रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन ने मंत्रालय को डीपीआर बनाकर भेज दिया दिया है। बस इसको हरी झंडी मिलने का इंतजार है।
टूरिज्म को मिलेगी रफ्तार
नई रेल लाइन से पिछड़ेपन की मार झेल रहे इन इलाकों में जहां टूरिज्म को रफ्तार मिलेगी, तो वहीं तीर्थाटन को भी बढ़ावा मिलेगा। 115 पिछड़े जिलों में से चार इस महत्वाकांक्षी परियोजना क्षेत्र में शामिल हैं। श्रावस्ती में शोभानाथ मंदिर है। मान्यता है कि तीर्थंकर संभवनाथ की यह जन्मस्थली है, ऐसे में जैन धर्म के लोगों के लिए यह एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। वहीं बलरामपुर के नजदीक तुलसीपुर में मां दुर्गा का प्रसिद्ध देवीपाटन मंदिर है। मान्यता के अनुसार यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में शामिल है। भिनगा तक रेल लाइन बिछने से पड़ोसी देश नेपाल का सफर भी आसान हो जाएगा।
हाइलाइट्स
दूरी - 240 किमी
लागत - 4940 करोड़
डेडलाइन - 2024-25
इन जिलों को फायदा - बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर
वर्जन
नई रेल लाइन पिछड़े क्षेत्रों के सामाजिक और आर्थिक विकास में बड़ी भूमिका निभाएगी। तीर्थाटन और पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगी।
- संजय यादव, सीपीआरओ, एनई रेलवे