काठमांडू (एएनआई)। नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने बुधवार को 6.3 तीव्रता के भूकंप में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। पीएम देउबा ने कहा कि मैंने संबंधित एजेंसियों को प्रभावित इलाकों में घायलों के तत्काल और उचित इलाज की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही यहां पर राहत व बचाव कार्य जारी है। भूकंप में छह लोगों की मौत हो गई है। नेपाल सेना को भी भूकंप प्रभावित इलाकों में तलाशी एवं बचाव अभियान के लिए भेजा गया है।
सुदूरपश्चिमको खप्तड क्षेत्र केन्द्रविन्दु बनाई गएको भूकम्पमा परि मृत्यु हुनेहरुप्रति हार्दिक श्रदाञ्जली व्यक्त गर्दै परिवारजनमा समवेदना प्रकट गर्दछु । साथै प्रभावित क्षेत्रमा राहत र उद्दारमा खटिन र घाईतेहरुको तत्काल उचित उपचारको प्रबन्ध गर्न सम्बन्धित निकायलाई निर्देशन दिएको छु।
— Sher Bahadur Deuba (@SherBDeuba) November 9, 2022
दिल्ली में भी भूकंप के तेज झटके महसूस हुए
भूकंप से कई घर गिर गए और बचाव अधिकारियों के साथ-साथ नागरिकों को भी मलबा साफ करते हुए और जीवित बचे लोगों की तलाश करते देखा गया। पुलिस के अनुसार नेपाल के दोती जिले में बीती रात भूकंप के बाद मकान गिरने से मरने वालों की संख्या अब छह हो गई है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया कि 9 नवंबर को सुबह करीब 1.57 बजे नेपाल, मणिपुर में 6.3 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप की गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी। दिल्ली में भी भूकंप के तेज झटके महसूस हुए हैं।
इसके पहले भी भूकंप से हिल चुका है नेपाल
इससे पहले 2015 में मध्य नेपाल में राजधानी काठमांडू और पोखरा शहर के बीच रिक्टर पैमाने पर 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। इसमें 8 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे और 22 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। भूकंप, जिसे गोरखा भूकंप के रूप में जाना जाता है। इसने उत्तर भारत के भी कई शहरों को हिलाकर रख दिया है। इसके अलावा लाहौर, पाकिस्तान, तिब्बत और बांग्लादेश के ढाका में भी झटके महसूस किए गए। वहीं इससे पहले 1934 में नेपाल को सबसे खराब दर्ज भूकंप का सामना करना पड़ा।
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