इससे पहले शनिवार को 95 वर्षीय मंडेला को अस्पताल से छुट्टी दिए जाने की ख़बर को अधिकारियों ने खारिज किया था.
राष्ट्रपति कार्यलय की वेबसाइट पर जारी वक्तव्य के अनुसार मंडेला की हालत गंभीर बनी हुई है और वे अभी भी अस्थिर हैं.
दक्षिण अफ्रीका में पहली बार लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए राष्ट्रपति मंडेला फेफड़ों के संक्रमण के कारण जून महीने से ही अस्पताल में भर्ती थे.
इलाज
सरकार ने अस्पताल से छुट्टी होने पर मंडेला को शुभकामनाएं दी हैं.
राष्ट्रपति कार्यलय के अनुसार, ''उनके डॉक्टरों की टीम को इस बात का विश्वास है कि उनके घर पर उनकी वैसी ही गहन देखभाल की जाएगी जैसे कि प्रीटोरिया अस्पताल में की जा रही थी.''
(मंडेला फेफड़ों में संक्रमण से पीड़ित हैं)
सरकारी वेबसाइट पर कहा गया है कि उनके घर में वे सभी सुविधाएं दी गई है जिससे उन्हें गहन चिकित्सा सेवा दी जा सके और उन्हें वहीं डॉक्टर देखेंगे जो उनकी अस्पताल में देखभाल कर रहे थे.
सरकारी बयान के अनुसार अगर जरूरत पड़ी तो मंडेला को दोबारा अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है.
रंगभेद के खिलाफ़ संघर्ष के दौरान मंडेला 27 साल जेल में रहे थे और माना जाता है कि जेलों की खदान में काम करने के दौरान ही उनके फेफड़ों में संक्रमण हुआ था.
नेल्सन मंडेला 1994 में पहली बार तब दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति चुने गए थे जब वहां के काले लोगों को पहली बार मतदान का अधिकार किया दिया. इसके पांच साल बाद उन्होंने अपना पद छोड़ दिया.
मंडेला 2010 में उस वक्त आखिरी बार सार्वजनिक रूप से देखे गए थे जब दक्षिण अफ्रीका में विश्व कप फुटबॉल का आयोजन किया गया था.
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