नई दिल्ली (आईएएनएस)। NEET-UG Exam:सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर एक प्रिलिमिरी एफिडेविट में, केंद्र ने शुक्रवार को NEET-UG एग्जाम रद्द करने का विरोध करते हुए कहा कि पूरे एग्जाम रद्द करने से इस साल 5 मई को हुए एग्जाम से लाखों ईमानदार उम्मीदवारों की स्थिति गंभीर रूप से खराब हो जाएगी। यूनियन मिनिस्ट्री आफ एजूकेशन द्वारा दायर एफिडेविट में कहा गया है, पूरे देश में आयोजित हुए एग्जाम में किसी बड़े पैमाने पर उल्लंघन के किसी भी सबूत के अभाव में, पूरे एग्जाम और पहले से घोषित परिणामों को रद्द करना तर्कसंगत नहीं होगा। केंद्र ने कहा कि वह सभी प्रतियोगी परीक्षाओं को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है और अगर कुछ आपराधिक तत्वों के इशारे पर परीक्षाओं की गोपनीयता भंग की गई है, तो उनसे सख्ती से निपटा जाना चाहिए।

सरकार छात्रों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध
सरकार परीक्षाओं की पवित्रता सुनिश्चित करने और छात्रों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। पब्लिक एग्जाम में पारदर्शिता, निष्पक्षता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए, संसद ने 12.02.2024 को सार्वजनिक एग्जाम (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम 2024 पारित किया है। यह अधिनियम 21.06.2024 को लागू किया गया और सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों से संबंधित अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान करता है। केंद्र सरकार ने कहा, अधिनियम के तहत पब्लिक एग्जाम (अनुचित साधनों की रोकथाम) नियम, 2024 को भी 23.06.2024 को अधिसूचित किया गया है। बतादें कि हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने एक कोचिंग संस्थान द्वारा NEET-UG परीक्षा के संचालन में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए रिट याचिका दायर करने पर आपत्ति व्यक्त की थी।

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