नई दिल्ली (एएनआई)। NEET Controversy Anti paper leak law: देश में नीट परीक्षा (NEET 2024) और यूजीसी नेट 2024 (UGC-NET 2024) परीक्षाओं के विवादों के बीच पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, 2024 शुक्रवार को लागू हो गया है। इसका उद्देश्य जिसका उद्देश्य देश भर में आयोजित पब्लिक एग्जामनेशन और कामन एंट्रेस एग्जाम में अनुचित साधनों को रोकना है। यह बिल संसद के दोनों सदनों द्वारा बजट सत्र में पारित किया गया था, जो 10 फरवरी को समाप्त हुआ। 13 फरवरी को, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, 2024 को अपनी मंजूरी दे दी, जिसका उद्देश्य सरकारी भर्ती परीक्षाओं में धोखाधड़ी या फिर किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकना है। एक्ट में पब्लिक एग्जामनेशन का तात्पर्य केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित अधिकारियों द्वारा आयोजित एग्जाम जैसे यूपीएससी, एसएससी, इंडियन रेलवेज, बैंकिंग रिक्रूटमेंट, और एनटीए द्वारा आयोजित सारे कंप्यूटर-बेस्ट एग्जाम आदि हैं।
10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता
यह एक्ट समय से पहले परीक्षा से संबंधित गोपनीय जानकारी का खुलासा करने और एग्जाम सेंटर्स में अनधिकृत लोगों के प्रवेश पर भी रोक लगाता है, ताकि कोई पेपर लीक या आंसर शीट के साथ छेड़छाड़ न कर सके। इन अपराधों के लिए तीन से पांच साल की कैद और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। इस एक्ट के तहत सभी अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-समझौता योग्य होंगे। नीट-यूजी 2024 परीक्षा 5 मई को आयोजित की गई थी और इसके परिणाम 14 जून की निर्धारित घोषणा तिथि से पहले 4 जून को घोषित किए गए थे। एनटीए वो एजेंसी है जो नीट-यूजी जैसी देश की बडी प्रतियोगी परीक्षाएं कराती है।

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