नई दिल्ली (पीटीआई)। पुलवामा टेरर अटैक के बाद आज नेवी के प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने यहां भारत-प्रशांत क्षेत्रीय वार्ता में वैश्विक विशेषज्ञों की एक सभा को संबोधित किया। इस दाैरान उन्होंने एक अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि समुद्र के माध्यम से आतंकवादियों को प्रशिक्षित किए जाने की बात सामने आई है। इंटेलीजेंस की रिपोर्ट है कि आतंकियों को भारत में अलग-अलग तरीकों से हमले करने की मजबूत ट्रेनिंग दी जा रही है। इसमें समुद्र के रास्ते हमला करना भी शामिल है। 26/11 के हमले को अंजाम देने के लिए लश्कर-ए-तैयबा ने भी समुद्री-आतंकियों को भेजा था। इन आतंकियों ने मुंबई में पहुंचने और तबाही मचाने के लिए समुद्र का ही सहारा लिया था।
कुछ ही देश इसकी चपेट में आने से बच पाए
सुनील लांबा ने कहा कि भारतीय-प्रशांत क्षेत्र ने इधर के सालों में आतंक के कई रूप देखें हैं। कुछ ही देश इसकी चपेट में आने से बच पाए हैं। आज आतंकवाद जिस तरह वैश्विक हो रहा है। इससे खतरा और बढ़ता जा रहा है। नौसेना प्रमुख ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि हाल ही पुलवामा में भयावह हमले को देखा है। यह हिंसा चरमपंथियों द्वारा की गई थी, जो एक देश द्वारा सहायता प्राप्त थी। इस हमले का मकसद भारत को अस्थिर करना था। 14 फरवरी को पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती हमलावर ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में एक विस्फोटक से भरे वाहन को टक्कर मार दी थी। इस दाैरान सीआरपीएफ 41 के जवान मारे गए। इसके बाद 26 फरवरी को इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर वहां जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर 12 मिराज 2000 फाइटर विमानों से हमला किया था।
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