कानपुर। Chaitra Navratri 2020 Day 1 : इस साल चैत्र नवरात्रि 25 मार्च दिन बुधवार से शुरु हो रही है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों को पूजा- पाठ कर अपनी सच्ची भक्ति से प्रसन्न किया जाता है ताकि मां कि कृपा आपके जीवन पर बनी रहे। नवरात्रि के इस पावन पर्व पर प्रथम दिन मां शैलपुत्री का होता है। मां शैलपुत्री को नवरात्रि के पहले दिन पूजा जाता है। माता को प्रसन्न करने के लिए उन्हें किस चीज का भोग लगाएं व क्या चीज उन्हें चढ़ाए। इसके साथ ही पूजा के दौरान उनकी आरती करना अत्यंत लाभदायी होता है। जानें प्रथम दिन माता की पूजा किस विधि करें।
मां शैलपुत्री को ये भोग लगाएं
नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्रि की पूजा होती है। मान्यता है कि मां दुर्गा के प्रथम रूप शैलपुत्री की अराधना करने से भक्तों को केमद्रुप योग के दोष से मुक्ति मिलती है, निर्णय क्षमता बढ़ती है, संपत्ति, शासन, आभूषण आदि की प्राप्ति होती है। रक्त, गर्भाशय, नेत्र, आहारनली, उदर, कफ, मिर्गी आदि रोगों में कमी होती है। पूजा में गुड़हल और केवड़ा का पुष्प अवश्य चढ़ाएं। ऐसा माना जाता है कि मां शैलपुत्रि को भोग में हलवा पूरी चढ़ाना चाहिए।
पूजन विधि
कलश स्थापना के बाद मां शैलपुत्री की पूजा का संकल्प लें। माता रानी को सिंदूर, पुष्प, अक्षत, धूप, गंध आदि अर्पित करते हुए विधिपूर्वक पूजा अर्चना करें। इस दौरान दुर्गा चालीसा का पाठ कर सकते हैं। मान्यता है कि माता रानी की आरती कपूर या गाय के घी से दीपक जलाकर ही करना चाहिए। आरती के समय शंघनाद करना और घंटी बजाना शुभकारी होता है। दिन भर फलाहार करते हुए शाम को भी स्नान आदि से निवृत्त होकर उपरोक्त विधि से मां शैलपुत्री की पूजा करनी चाहिए। रात्रि के समय माता का जागरण करना उत्तम होता है।
मां शैलपुत्री की आरती
शैलपुत्री मां बैल असवार। करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने ना जानी।
पार्वती तू उमा कहलावे। जो तुझे सिमरे सो सुख पाव।
ऋद्धि- सिद्धि परवान करे तू। दया करे धनवा करे तू।
सोमवार को शिव संग प्यारी। आरती तेरी जिसने उतारी।
उसकी सगरी आस पूजा दो। सगरे दुख तकलीफ मिला दो।
घी का सुंदर दीप जला के। गोला गरी का भोग लगा के।
श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं। प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।
जय गिरिराज किशोरी अंबे। शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।
मनोकामना पूर्ण कर दो। भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।