वाशिंगटन (पीटीआई)। धरती पर मौजूद तमाम मेडिकल लैब में गंभीर बीमारियों के इलाज से जुड़ी रिसर्च के बारे में आपने सुना ही होगा पर इस बार दुनिया में कैंसर ट्रीटमेंट से जुड़ी एक ऐसी रिसर्च हो रही है जो धरती पर नहीं बल्कि धरती से कई सौ मील दूर अंतरिक्ष में तैर रहे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में की जा रही है।
ISS में इंसानी ब्लड सेल्स पर महीनों से चल रहा है एक्सपेरिमेंट
नासा के मुताबिक वो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर कैंसर रिसर्च से जुड़ा एक ऐसा टेस्ट कर रहा है जिसमें इंसानी खून की कुछ खास कोशिकाओं के ऊपर एक्सपेरिमेंट किया जा रहा है। ताकि कैंसर के इलाज को और भी बेहतर और कारगर बनाया जा सके। स्पेस में की जा रही इस कैंसर रिसर्च को लेकर नासा ने ISS का एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें इस प्रोजेक्ट की मुख्य साइंटिस्ट 'सेरेना ऑनन चांसलर' कुछ प्रयोग करती नजर आ रही हैं। नासा के मुताबिक एस्ट्रोनॉट स्पेस स्टेशन में मौजूद माइक्रो ग्रेविटी इन्वायरमेंट में इस रिसर्च को अंजाम दे रहे हैं।
स्पेस का माइक्रो ग्रेविटी इन्वायरमेंट ही टेस्ट के लिए है खास
नासा के मुताबिक सेरेना इसी साल की शुरुआत में स्पेस स्टेशन पर गई थीं। वह अगले कुछ महीने भी इस रिसर्च को करते हुए वहां बिताएंगी। इस दौरान वह खून में मौजूद एंडोथेलिकल कोशिकाओं पर टेस्ट कर रही है। नासा का कहना है कि Endothelial सेल्स स्पेस स्टेशन पर मौजूद माइक्रो ग्रेविटी इन्वायरमेंट में कुछ उसी तरह से व्यवहार करती हैं, जैसे कि वो धरती पर मौजूद किसी जीते-जागते शरीर की रक्त वाहिकाओं में काम कर रही हों। स्पेस डॉट कॉम का कहना है कि इस माइक्रो ग्रेविटी प्रभाव का असर यह है कि इसके कारण यह परखा जा सकता है कि कीमोथेरेपी का उन कोशिकाओं पर क्या नेचुरल असर हो रहा है।
How could space-grown cells improve testing methods for cancer treatment drugs? Watch @AstroSerena share how @ISS_CASIS research she’s been conducting on @Space_Station is looking for new ways to fight cancer. https://t.co/bn3jZTCQPl pic.twitter.com/YYHGxlTM0I
— ISS Research (@ISS_Research) August 21, 2018
कीमोथेरेपी के बाद ब्लड सेल्स पर हो रही ये कमाल की रिसर्च
नासा के मुताबिक माइक्रो ग्रेविटी में इस भारी भरकम कैंसर रिसर्च को करने के लिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर काफी सारे कंटेनर भेजे गए है। जिनमें एंडोथेलिकल सेल्स मौजूद हैं। बता दें कि इन सभी कोशिकाओं पर धरती पर अलग अलग लेवल की कीमोथेरेपी की जा चुकी है। इस रिसर्च के आधार पर कैंसर ट्रीटमेंट में सुधार के साथ ही भविष्य में मेडिकल रिसर्च के नए मॉडल की खोज भी हो सकती है।
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