पार्कर सोलर प्रोब की स्पीड होगी 7 लाख किमी प्रतिघंटा
सैन फ्रांसिस्को (आईएएनएस)। अगस्त में लॉन्च होने वाले नासा के सूर्य मिशन के नजदीक आते ही दुनिया के सबसे अनोखे सोलर प्रोब को फाइनल टच देने का काम बहुत तेजी से शुरू हो गया है। USA की स्पेस एजेंसी नासा के मुताबिक सूरज के नजदीक जाने वाले इस स्पेसक्राफ्ट की स्पीड करीब साढ़े 3 लाख मील प्रतिघंटा यानि 7 लाख किलोमीटर प्रति घंटा के आसपास होगी। नासा के मुताबिक सोलर प्रोब की वास्तविक स्पीड 6,92,018 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। इस स्पीड से तो धरती पर वाशिंगटन से फिलाडेल्फिया जाने में सिर्फ 1 सेकंड का समय लगेगा। यह सोलर प्लेन सूरज के सबसे नजदीक यानि करीब 40 लाख मील की दूरी की रेंज में जाएगा। सूरज से लाखों मील दूर होने के बावजूद यह सोलर प्रोब वहां पर भयानक तापमान को सहने के काबिल बनाया जा रहा है। यह सेालर प्लेन सूर्य के सबसे नजदीक जाने वाला धरती का अबतक का पहला स्पेसक्राफ्ट होगा और वहां से वह सूर्य के नजदीकि वातावरण और कोरोना की आंतरिक संरचना के बारे में महत्वपूर्ण डाटा कलेक्ट करेगा जो कि आज तक कभी नहीं हो सका।
1371 डिग्री सेल्सियस का धातु गलाने वाला तापमान सहेगा यह सोलर प्लेन
सूर्य के इतने नजदीक तक जा रहे दस प्लेन को उस भयानक तापमान को सहने के लिए एक बहुत ही अनोखी हिट शील से प्रोटेक्ट किया जा रहा है। जिसे थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम कहा जाता है। नासा के मुताबिक 27 जून को यह हीटशील्ड सोलर प्रोब पर दोबारा से इंस्टॉल कर दी गई थी। उनके मुताबिक यह हीटशील्ड इस स्पेसक्राफ्ट को सूरज के नजदीक करीब 4 मिलियन मील की दूरी तक का तापमान सहने में मदद करेगी यह हिट शील्ड करीब 8 फुट के घेरे वाले आकार की है जोकि स्पेस प्रोब को एक अंब्रेला की तरह कवर करेगी। जिससे सूरज के उस वातावरण में मौजूद करीब 1371 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में भी यह सोलर प्रोब आसानी से काम कर सके। इस हीटशील्ड का नतीजा यह होगा कि बाहर के भयानक तापमान के बावजूद प्रोब के इंटर्नल इंस्ट्रूमेंट करीब 29.4 डिग्री सेल्सियस के सामान्य तापमान पर आराम से काम कर सकेंगे। नासा के मुताबिक सूरज तक जाने का यह मिशन पिछले 60 सालों की मेहनत का नतीजा है।
कैसे बनाई गई है सोलर प्रोब की ताकतवर हीटशील्ड?
नासा के मुताबिक सूरज तक जाने वाले इस सोलर प्रोब को भयानक तापमान से प्रोटेक्ट करने के लिए बनाई जा रही यह हीटशील्ड सुपरहीट कार्बन कम्पोजिट के 2 पैनल से मिलकर बनी है, जिसके भीतर करीब साढ़े 4 इंच मोटी लेकिन हल्की कार्बन फोम की कोरें सैंडविच की तरह लगाई जाएंगी। इससे हीटशील्ड के भीतर रहकर यह सोलर प्रोब अपना काम और मिशन आसानी से जारी रख पाएगा। बता दें कि इस सोलर प्रोब के सूरज की तरफ के हिस्से पर खास तौर पर एक स्पेशल केमिकल का स्प्रे किया गया है जो कि सूरज से आने वाली अधिकतम ऊर्जा को स्पेसक्राफ्ट की बजाए दूसरी दिशाओं में रिफ्लेक्ट कर दे। इस हीटशील्ड के साथ सोलर प्रोब को सूरज के ऑरबिट में सही ढंग से सेट करने के लिए इसे बहुत हल्का बनाना जरूरी था इसीलिए तो इस हीट शील्ड का वजन सिर्फ साढे 72 किलोग्राम के आसपास है लेकिन यह हीटशील्ड सूरज तक के हमारे मिशन को सफल बनाने में सबसे महत्वपूर्ण रोल अदा करेगी।
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