हो सकता है धरती के लिए बड़ा खतरा!
पिछले साल अक्टूबर महीने में दूसरी आकाश गंगा से आया एक उल्कापिंड धरती के करीब से भयानक स्पीड से गुजरा था और अब एक नई आफत अंतरिक्ष से धरती की ओर चली आ रही है। वैज्ञानिकों का दावा है कि करीब 0.7 मील बड़ा यह एस्ट्रॉयड 4 फरवरी तक के आसपास हमारी धरती के बहुत पास से होकर गुजरेगा। वैसे राहत की बात ये है कि यह धरती से टकराने नहीं जा रहा है, मगर ये एस्ट्रॉयड नासा के मुताबिक बेहद शक्तिशाली है और NASA इसे बहुत ही खतरनाक घोषित कर चुकी है। इस समय यह उल्कापिंड 67,000 मील प्रति घंटा यानि करीब 1,07,826 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से स्पेस में आगे बढ़ रहा है, लेकिन फिर भी, धरती से इसके टकराने की पॉसिबिलिटी बिल्कुल नहीं है।
4 मिलियन किमी की दूरी से गुजरेगा
यह एस्ट्रॉयड धरती से 26,15,128 मील की दूरी (42,08,641 किलोमीटर) से होकर गुजरेगा। अंतरिक्ष के मामले में ये दूरी बहुत ज्यादा नहीं मानी जाती, तभी नासा इसे बड़ा खतरा मानता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि धरती से सबसे पास अगर कोई प्लैनेटरी ऑब्जेक्ट है तो वो है चंद्रमा जो कि धरती का सैटेलाइट है। वह धरती से 2,28,855 मील (3,84,400 किलोमीटर) दूरी पर स्थित है. इस लिहाज से एस्ट्रॉयड धरती के बेहद करीब से गुजरने वाला है।
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हाइपरसॉनिक विमान से 15 गुना ज्यादा है स्पीड
यह एस्ट्रॉयड जिस स्पीड से धरती की ओर बढ़ रहा है वो अब तक इंसानी यात्रा में प्रयोग होने वाले सबसे तेज व्हीकल से 15 गुना ज्यादा है। इंसान को अब तक का सबसे तेजी से यात्रा कराने वाला यान नॉर्थ अमेरिकन हाइपरसॉनिक एक्स-15 एयरक्राफ्ट माना जाता है जिसके जरिए उसने 4,520 मील (7,300 किलोमीटर प्रति घंटा) तक की स्पीड अचीव की थी, लेकिन इस उल्कापिंड की स्पीड इससे 15 गुना अधिक तेज है।
अगर धरती से टकरा जाए तो क्या होगा हाल?
2002-AJ129 एस्ट्रॉयड को बेहद खतरनाक माना जा रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह बेहद बड़ा है और अगर ये धरती से टकराया तो इसके भयानक परिणाम देखने को मिलेंगे। धरती से टकराने पर यह किसी बड़े न्यूक्लियर हमले जैसी स्थिति पैदा कर दकरेगा जिससे टकराहट के क्षेत्र के आस-पास कई किलोमीटर का इलाका जलकर खाक हो जाएगा। यही नहीं, कई सालों तक पूरी दुनिया पर इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। धरती से टकराने की कंडीशन में पूरी दुनिया में भयानक ठंड हो जाएगी और धरती का तापमान 8 डिग्री तक गिर जाएगा। यानि कि हमारी धरती कई सालों के लिए आइस ऐज यानि हिम युग में पहुंच जाएगी।
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