स्पेस साइंटिस्टस ने तकरीबन 11.2 अरब साल पुराने तारे की खोज की है. यह अब तक आईडेंटीफाई किए गए तारों में सबसे पुराना है. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के केपलर स्पेसक्राफ्ट के जरिए चार साल में भेजे गए डाटा को एनालाइज करके इस तारे का पता चला है.
साइंटिस्ट ने इस तारे का चक्कर काटने वाले पांच प्लैनेट का भी पता लगाया है, जिनका साइज अर्थ के लगभग बराबर है. यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिघम के रिसर्चर टिएगो कैंपेंटे ने बताया, ‘रिसर्च में पता चला कि अर्थ के साइज के ये प्लैनेट यूनिवर्स के 13.8 अरब साल की हिस्ट्री में बने हैं, जिससे गैलेक्सी में एशिएंट लाइफ के एग्जिस्टेंस की संभावना और मजबूत होती है.’
रिसर्च में ये भी बताया गया है कि आकार में सूर्य से 25 परसेंट छोटे तारे केपलर-444 की पृथ्वी से दूरी 117 लाइट ईयर है. इस तारे के पांच ग्रहों के आकार मरकरी और वीनस प्लैनेट से मिलते जुलते हैं. ये ग्रह अपने तारे से इतने पास हैं कि 10 दिनों से भी कम समय में तारे का चक्कर पूरा कर लेते हैं. तारे के इतने पास रहने के कारण ये सभी ग्रह मरकरी से भी ज्यादा गर्म हैं और जीवन के अनुकूल नहीं हैं.
आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी में फिजिक्स और स्पेस साइंस के प्रोफेसर एवं को रिसर्चर स्टीव केवलर ने कहा, ‘केपलर-444 बहुत चमकीला है और दूरबीन की सहायता से आसानी से देखा जा सकता है. यह गैलेक्सी के सबसे एंशियेंट सोलर सिस्टमस में से एक है.’Hindi News from World News Desk
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