करवाल ने बीबीसी हिंदी से बातचीत में कहा है कि वे अपने दस्ते के साथ पटना में मौजूद हैं, लेकिन सुरक्षा संबंधी तैयारियों पर उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.
करवाल बिहार में नए रैंबो की भूमिका में हैं. सात डीआईजी, सात एसपी और पांच बम दस्तों सहित गुजरात पुलिस अधिकारियों की 150 लोगों की फौज के साथ करवाल बिहार में मोदी की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे.
"मैं अपने दस्ते के साथ पटना में मौजूद हूं."
-अतुल करवाल, आईपीएस अधिकारी, गुजरात पुलिस
करवाल को मोदी की पटना यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है.
27 अक्टूबर को भाजपा की 'हुंकार' रैली के दौरान सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद, बिहार पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर भाजपा और गुजरात पुलिस ने सवाल उठाए थे.
करवाल हैं या करिश्मा?
करवाल गुजरात के वैसे पुलिस अधिकारी जो अपनी फ़िटनेस वाली छवि के लिए मशहूर हैं. 1988 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी करवाल अभी गुजरात पुलिस अकादमी के संयुक्त निदेशक हैं.
हालांकि उनकी पहचान माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पहले भारतीय पुलिस सेवा के पहले अधिकारी की है. 2008 में उन्होंने 15 पुलिसकर्मियों की टीम के साथ दुनिया के सबसे ऊंची माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने का कारनामा दिखाया था.
इस वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को अहमदाबाद की सड़कों पर 22 किलोग्राम के भारी भरकम बस्ते को पीठ पर लादे हुए दौड़ते देखना आम है. करवाल के दिलचस्पी एडवेंचर्स स्पोर्ट्स में हमेशा से रही है.
वे स्कूबा डाइविंग बखूबी जानते हैं और स्काई डाइविंग का लुत्फ़ भी उठाते रहे हैं. इतना ही नहीं करवाल कराटे में ब्लैक बेल्ट चैंपियन हैं. करवाल की ख़ूबियां यहीं खत्म नहीं होतीं, वे घुड़सवारी के भी चैंपियन हैं.
इन सबके बीच करवाल लिखने पढ़ने का वक्त भी निकालते रहे हैं. उन्होंने 'थिंक एवरेस्ट' नाम से एक किताब भी लिखी है.
सड़क हादसा
करवाल की पत्नी अनीता करवाल भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी हैं और गुजरात की मुख्य चुनाव अधिकारी हैं.
उधर गुजरात पुलिस के बम निरोधक दस्ते के दो अधिकारियों की मौत उत्तर प्रदेश के फ़िरोजाबाद में एक सड़क दुर्घटना में हो गई है. भाई लाल पटेल और जय राज अहमदबाद बम निरोधक दस्ते में तैनात थे.
इस हादसे में चार अन्य पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. ये लोग सड़क रास्ते से पटना जा रहे थे. घायलों को फ़िरोजाबाद अस्पताल में दाखिल कराया गया है. ये लोग जिस मिनी बस में सवार थे वह बस एक ट्रक से टकरा गई.
ये पुलिसकर्मी नरेंद्र मोदी के उस सुरक्षा दस्ते में शामिल थे, जिन पर शनिवार को मोदी की पटना यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा है. नरेंद्र मोदी पटना में हुई रैली में हुए धमाके में मरे छह लोगों के परिवार वालों से मिलने के लिए पटना जा रहे हैं.
बिहार पुलिस पर निशाना
गुजरात पुलिस ने बिहार पुलिस पर नरेंद्र मोदी की पटना रैली में मुहैया कराई गई सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए थे. गुजरात पुलिस ने बिहार पुलिस और प्रशासन पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया था.
गुजरात पुलिस ने अपनी प्रेस रिलीज़ में कहा था, "अगर गुजरात पुलिस के सुझाए सभी सुरक्षा प्रावधान किए गए होते तो हादसा टाला जा सकता था."
गुजरात के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक(इंटेलिजेंस) ने बिहार पुलिस की स्पेशल ब्रांच को मोदी पर ख़तरे के बार में भी लिखा था. गुजरात पुलिस के मुताबिक बिहार पुलिस ने कोई जवाब नहीं दिया.
पटना में नरेंद्र मोदी की रैली से पहले बिहार पुलिस के सहयोग के लिए गुजरात के दो वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शिवानंद झा और प्रवीण सिन्हा 15 पुलिसकर्मी सहित पटना गए हुए थे.
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