Narasimha Jayanti 2020 : वैशाख माह की शुक्ल चतुर्दशी को नरसिंह जयंती के रूप में मनाया जाता है। भगवान नरसिंह को विष्णु जी का चौथा रूप माना जाता है। नरसिंह जयंती के दिन ही विष्णु जी इस रूप में अवतरित हुए थे। भगवान विष्णु का नरसिंह रूप आधा शेर और आधा इंसान का होता है जिन्होंने हिरण्यकश्यप जैसे दुष्ट व पापी का नाश किया था। इस वर्ष नरसिंह जयंती 6 मई को मनाई जा रही है। भगवान नरसिंह की पूजा शाम के वक्त की जाती है।
पूजन व पारण का शुभ मुहूर्त
इस व्रत का पूजन व पारण व्रती यदि शुभ मुहूर्त में करेंगे तो अत्यंत फलदायी होता है। नरसिंह जयंती की तिथि 5 मई 11:21 बजे रात से लग कर 6 मई 7:44 बजे शाम को खत्म होगी। इस वर्ष तिथि अनुसार व्रत रखने का शुभ मुहूर्त 10: 58 बजे सुबह से 1:38 बजे शाम तक है। नरसिंह भगवान की पूजा का भी शुभ मुहूर्त 6 मई शाम 4:19 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक कर सकते हैं। शुभ मुहूर्त पूजन की कुल अवधि 2:41 घंटे है। हालांकि व्रती अगले दिन पारण भी शुभ मुहूूर्त में ही करें। दृग पंचांग के हवाले से व्रत के पारण का शुभ समय 7 मई को सुबह 5:35 बजे से प्रारंभ हो कर सुबह 7 बजे तक रहेगा।
व्रत पूजन व पारण विधि
यदि नरसिंह जयंती वैशाख माह के शुक्ल पक्ष चतुर्दशी, स्वाती नक्षत्र और शनिवार तीनों के योग में होती है तो अधिक फलदायी होती है। इस दिन विष्णु अवतार भगवान नरसिंह को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु व्रत रखते हैं। इसका व्रत एकादशी के व्रत के तरह रखा जाता है। इस दिन व्रती दिन भर में सिर्फ एक समय ही भोजन करते हैं। नरसिंह जयंती पर व्रत रखने के लिए सभी तरह के अन्न और दालों का इस्तेमाल वर्जित है। वहीं इसका पारण जयंती के दूसरे दिन किया जाता है। नरसिंह जयंती पर रखा गए व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद करते हैं। तब तक चतुर्दशी तिथि खत्म हो चुकी होती है और पंचमी लग जाती है। यदि सूर्योदय के बाद तक चतुर्दशी तिथि रहती है तो अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत का पारण न करके तिथि के खत्म होने का इंतजार करें। फिर सूर्यास्त से पहले किसी भी समय व्रत का पारण कर सकते हैं।