कानपुर। Nandgaon and Barsana Lathmar Holi 2020 Date: होली का त्योहार आने वाला है। हर घर में इसकी तैयारियों के लिए तरीके- तरीके के पकवान बन रहे हैं। बता दें कि 9 मार्च को होलिका दहन होगा और 10 मार्च को ये खेली जाएगी। रंगों वाली होली के अलावा होली खेलने के कई और तरीके भी काफी फेमस हैं। रंगों के अलावा होली फूलों से भी खेली जाती है और लठ्ठमार होली भी मनाई जाती है। तो चलिए जानते किस दिन कौन सी होली मनाई जानी है। बरसाने में लठ्ठमार होली तो इस साल 4 मार्च को खेली जानी थी। हालांकि यहां देखें अलग- अलग तरह से होली मनाए जाने की पूरी लिस्ट।
3 मार्च- इस दिन अष्टमी होती है और बरसाने में इसी दिन लड्डू की होली खेली जाती है।
4 मार्च- बरसाने में इस दिन लठ्ठमार होली खेली जाएगी।
5 मार्च- इस दिन दशमी होती है और नंदगांव व रावल गांव में लठ्ठमार होली होती है।
6 मार्च- के दिन बांके बिहारी मंदिर में होली खेली जाएगी जहां भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भी हुआ था। इस दिन वहां तरह- तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए जाते हैं।
7 मार्च- इस दिन गोकुल में छड़ीमार होली मनाई जाती है।
बरसाने में किस तरह मनाई जाती है लड्डू होली
होली के त्योहार का सबसे ज्यादा क्रेज बरसाने में देखने को मिलता है। इस दिन दुनिया के कोने- कोने से लोग यहां होली खेलने के लिए आते हैं। ये लोग एक- दूसरे को जानते भी नहीं फिर भी एक- दूसरे को लड्डू और अबीर- गुलाल लगाते हैं। इस प्रथा को श्रीकृष्ण जी के बचपन से जोड़ कर देखा जाता है। दरअसल श्रीकृष्ण और नंद गांव के सखाओं के बरसाने में होली खेलने के लिए आमंत्रित किए गए थे। तबसे वहां लड्डू से होली खेलने की प्रथा है।
बरसाने व नंद गांव में होती है लठ्ठमार होली
बरसाने व नंद गांव में लठ्ठमार होली को वर्षों से मनाया जा रहा है। इस दिन से पूर्व दो दिनों तक लगातार महिलाएं एक लाठी को उपर की ओर से थोड़ा फाड़ देती हैं। उसे खूब तेल पिलाया जाता है। फिर होली के दिन पुरुष डलिया या फिर किसी वस्तु से अपना सिर बचाते हैं और महिलाएं उन्हें मौका देख कर लठ्ठ मारने की कोशिश करती हैं। तो इस तरह ये लठ्ठमार होली मनाई जाती है।
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