11 साल बाद अब फ़िल्म का सीक्वल 'अब तक छप्पन-2' आ रहा है.
नाना पाटेकर की मुख्य भूमिका वाली यह फ़िल्म 27 फ़रवरी को रिलीज़ हो रही है.
उसी सिलसिले में नाना पाटेकर ने बीबीसी से की ख़ास बातचीत.
खेती
क्या आप जानते हैं कि नाना पाटेकर जब फ़िल्में नहीं करते तो क्या करना पसंद करते हैं?
नाना पाटेकर कहते हैं, "एक दिन सबको मिट्टी में ही जाना है, इसलिए मिट्टी से जुड़ा हूं. मैं जब फ़िल्में नहीं करता, तो खेती करता हूं. मुझे खेती करना पसंद है और मैंने अपने खेतों के लिए ट्रैक्टर नहीं लिया क्योंकि वह गोबर नहीं देता. इसलिए बैल रखे हुए हैं."
उन्होंने आगे कहा, "मेरे अंदर के जितने भी भाव और घुटन होते हैं, उन्हें निकालने के लिए मैं चित्र बनाता हूं, कविता लिखता हूं और तो और खाना भी पकाता हूं."
स्मिता
स्मिता पाटिल को याद करते हुए नाना बताते हैं कि वे फ़िल्मों में स्मिता की वजह से आए थे.
वह कहते हैं, "मैं नाटक में बहुत खुश था पर स्मिता ने ज़िद की कि तुम्हें फ़िल्मों में काम करना पड़ेगा. फ़िल्म 'आज की आवाज़' में स्मिता ने फ़िल्मकार रवि चोपड़ा से मेरी सिफ़ारिश की थी. स्मिता पाटिल बहुत अच्छी दोस्त थीं."
नाना हंसते हुए बताते हैं, "मैं बड़े-बड़े डायलॉग आसानी से रट लिया करता था. तब स्मिता कहती थी 'कैसे रट लेता है इतने आसानी से इतने बड़े-बड़े डाइलॉग'. अब स्मिता हमारे बीच नहीं हैं और मुझे बहुत दुख होता है उन्हें याद करते हुए."
पार्टी
नाना पाटेकर को फ़िल्म उद्योग में 42 साल हो गए पर न तो वह ख़ुद और न ही उनका परिवार कभी किसी फ़िल्मी पार्टी में दिखा.
इस पर नाना कहते हैं, "मुझे ये पार्टियां कभी रास नहीं आतीं. इनमें जो लोग आते हैं वो कुछ बोलना नहीं चाहते. वो क़ायर होते हैं. दो पैग शराब पीकर वो कुछ भी बोल देते हैं और दूसरे दिन उसकी माफ़ी मांग लेते हैं. ऐसे लोगों से मैं जुड़ना ही नहीं चाहता. इसलिए न तो मुझे ऐसी फ़िल्मी पार्टी पसंद हैं और न मेरे परिवार वालों को".
नाना पाटेकर का ड्रीम प्रोजेक्ट है निर्देशक और उनके मित्र महेश मांजरेकर की मराठी फ़िल्म 'नाट्यसम्राट' जो एक मशहूर नाटक पर आधारित है और एक कलाकार की कहानी है.
नाना अपनी इस मराठी फ़िल्म को बहुत ही महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट मानते हुए बताते हैं कि इसे करने के बाद अगर वह फ़िल्में करना बंद भी कर दें, तो भी उन्हें कोई दुख नहीं होगा.
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