- भाजपा कैंडीडेट सवा दो लाख से अधिक मतों से जीते
- पांचों विधानसभा सीटों में लहराया परचम
Meerut : नमो की लहर और बदलाव की चाह ने एक बार फिर क्रांतिधरा पर इतिहास रच दिया। उधर, कमल के सामने विपक्षी दलों के कैंडीडेट मतों को तरसते नजर आए। कांग्रेस की स्टार कैंडीडेट नगमा चौथे नंबर रही और सपा सरकार के कैबिनेट मंत्री तीसरे और बसपा कैंडीडेट दूसरे नंबर पर रहे। गौरतलब है कि चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी कैंडीडेट को कई क्षेत्रों में विरोध का सामना करना पड़ा था, लेकिन नरेंद्र मोदी की पूरे देश में लहर का असर भाजपा प्रत्याशी की नैया पार कराने में कामयाब हो गई और एक बार फिर रिकार्ड कायम कम सीट पर कब्जा जमाया।
ये जीत है बड़ी
मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र में भाजपा कैंडीडेट राजेंद्र अग्रवाल लगातार दूसरी बार सीट अपने नाम करने में कामयाब रहे। पांच विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा प्रत्याशी को कुल भ्,फ्ख्,98क् वोट पड़े। जबकि दूसरे नंबर के बसपा प्रत्याशी मो। शाहिद अखलाक को फ्,00,म्भ्भ् वोट मिले। इस हिसाब से राजेंद्र अग्रवाल ख्,फ्ख्,फ्ख्म् वोटों से जीते। इस जीत को भाजपाई ऐतिहासिक मानकर चल रहे हैं।
चौथे नंबर पर कांग्रेस
वहीं कांग्रेस की स्टार प्रचारक और कैंडीडेट नगमा चौथे नंबर ही रह गई। नगमा भ्0 हजार वोट भी हासिल नहीं कर सकी। पांचों विधानसभा क्षेत्रों से कुल वोट ब्ख्,9क्क् वोट मिले। वहीं समाजवादी पार्टी के कैबिनेट मंत्री और किठौर विधानसभा क्षेत्र के विधायक शाहिद मंजूर को फिर से तीसरे स्थान पर ही संतोष करना पड़ा। वैसे उनके लिए ये चुनाव काफी प्रतिष्ठा वाला था। उन्हें इस बार अपनी जीत की काफी उम्मीदें थी। उन्हें ख्,क्क्,7भ्9 वोट मिले। जबकि उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र किठौर से भ्7,म्ब्0 वोट पड़े। जो काफी कम है। क्योंकि इसी क्षेत्र से उन्हें विधानसभा चुनाव में 70 हजार से अधिक वोट मिले थे।
राजेंद्र का पंच
इसे भाजपा प्रत्याशी का पंच ही कहा जाएगा कि किसी भी विधानसभा क्षेत्र में उन्हें हार नहीं मिली। दक्षिण और कैंट विधानसभा क्षेत्र से उन्हें एक लाख से भी अधिक वोट मिले। जबकि किठौर और हापुड़ में उन्हें 90 हजार से अधिक वोट पड़ा। सिर्फ सिटी से उन्हें काफी कम बढ़त मिली। वहां उन्हें 8क्,म्90 वोट ही मिले। जबकि ये विधानसभा सीट भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी की है।
आप क्क् हजार पर सिमटा
वहीं बात आप की जाए तो अपनी सुलझी हुई बातों से आकर्षित करने वाले डॉ। पूर्व मेजर हिमांशु को क्क्,79फ् मत ही पड़े। मेजर हिमांशु को इतने कम वोट मिलने की उम्मीद नहीं थी। लेकिन उन्हें दिल्ली में हुई फजिहत और लोगों के दिलों में केजरीवाल के प्रति निराशा का खामियाजा उठाना पड़ा। ताज्जुब की बात तो ये रही कि किठौर से उन्हें सिर्फ भ्म्9 ही वोट मिले।
गायब रहे इंडिपेंडेंट प्रत्याशी
इंडिपेंडेंट कैंडीडेट की बात की जाए तो कोई मतगणना स्थल पर दिखाई नहीं दिया। वहीं इंडिपेंडेंट कैंडीडेट्स में से सुनील दत्त को सबसे अधिक क्7फ्ब् वोट मिले। मुकेश कुमार को क्भ्ब्ख्, साजिद सैफी को क्0म्8 वोट पड़े। बाकी हजार का भी आंकड़ा नहीं छू सके। इसके अलावा राष्ट्रीय अपना दल के प्रत्याशी उस्मान गाजी को भी क्ब्भ्क् वोट पड़े।
देश की जनता ने नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली की भाजपा को स्वीकार किया है। मुझे दूसरी बार मौका देकर यहां की जनता ने जाहिर कर दिया है कि वो अब पीएम मोदी को देखना चाहते हैं। मैं यहां की जनता का शुक्रिया अदा करता हूं।
- राजेंद्र अग्रवाल, बीजेपी
मैं जनता के फैसले का सम्मान करती हूं। साथ में यह भी कहती हूं कि मुझे जनता के बीच रहने और अपनी बातों को पहुंचाने का काफी कम वक्त मिला। मुझे थोड़ा और वक्त मिला होता तो नतीजे कुछ और भी हो सकते थे।
- नगमा, कांग्रेस प्रत्याशी
इस बात में कोई दो राय नहीं कि इस बार नमो की लहर थी। जो अंदाजे लगाए जा रहे थे, वो सही साबित हुए। जब इस लहर में बड़े-बड़े नेता हार गए तो मैं इससे ज्यादा क्या कह और कर सकता हूं।
- मो। शाहिद अखलाक, बसपा
अब आम आदमी पार्टी को अपनी रणनीति और संगठनात्मक स्तर पर एक बार फिर से सोचना पड़ेगा। वहीं बात बीजेपी की जीतने की है तो ये काफी दुर्भाग्य की बात है कि यहां पार्टी नहीं बल्कि व्यक्तित्व जीता है। जो लोकतंत्र के लिए काफी नुकसानदायक हो सकती है।
- डॉ। पूर्व मेजर हिमांशु, आप
किसे कितने वोट पड़े
नाम वोट
राजेंद्र अग्रवाल भ्फ्ख्98क्
मो। शाहिद अखलाक फ्00म्भ्भ्
शाहिद मंजूर ख्क्क्7भ्9
नगमा ब्ख्9क्क्
मेजर हिमांशु क्क्79फ्
विधानसभाओं में पड़े वोट
क्षेत्र कांग्रेस बीजेपी बीएसपी सपा आप
किठौर फ्भ्79 9ब्89फ् म्फ्0ब्7 भ्7ब्म्0 भ्म्9
कैंट क्भ्778 क्भ्फ्ब्ब्8 ब्ब्फ्97 क्भ्ब्9भ् ब्7भ्क्
मेरठ 7फ्क्7 8क्म्90 ब्म्0ख्ख् भ्ख्ख्फ्7 ख्00भ्
दक्षिण 779भ् क्0790क् 8ब्भ्म्ब् ब्80क्म् ख्भ्87
हापुड़ 8फ्फ्0 9फ्9म्म् म्ख्ख्फ्7 फ्8फ्म्भ् ख्क्भ्
विरोध से विजय तक
बीजेपी कैंडीडेट राजेंद्र अग्रवाल टिकट मिलने के बाद जब वोट मांगने गए तो उन्हें कई जगहों पर विरोध का सामना करना पड़ा। फिर भी भारी मतों से जीतने में कामयाब हुए। जब हमने इस बारे में पब्लिक से बात की उन्होंने साफ कहा कि राजेंद्र अग्रवाल अपनी व्यक्तिगत छवि या कामों की वजह से नहीं जीते हैं। उन्हें वोट नरेंद्र मोदी की वजह से मिला है।