नामांकन रद होने पर सपा प्रत्याशी तेज बहादुर गए सुप्रीम कोर्ट
भगवान का पर्चा खारिज होने पर संत समाज बैठा धरने पर
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VARANASI
लोकसभा चुनाव को लेकर वाराणसी में चल रही नामांकन प्रक्रिया के दौरान मंगलवार को जिला निर्वाचन अधिकारी और इलेक्शन आर्ब्जवर की मौजूदगी में नामांकन-पत्रों की जांच-पड़ताल की गई. नामांकन पत्रों में अधूरी जानकारी और कालम छोड़े जाने पर कई प्रत्याशियों का नामांकन खारिज हो गया. इस पर प्रत्याशियों ने जिला निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ नारेबाजी की और सरकार के इशारे पर पर्चा खारिज करने का आरोप लगाया. सपा प्रत्याशी तेज बहादुर ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही तो स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद धरने पर बैठ गए. इसके अलावा पति का नामांकन खारिज होने पर एक महिला ने जमकर हंगामा किया.
असली चौकीदार से डरी भाजपा
नामांकन खारिज होने पर सपा प्रत्याशी तेज बहादुर यादव ने आरोप लगाया कि पीएम नरेंद्र मोदी के इशारे पर इलेक्शन ऑर्ब्जवर द्वारा मेरा नामांकन पत्र खारिज किया गया है. उन्होंने कहा कि वाराणसी से चुनाव लड़ रहे पीएम मोदी देश के असली चौकीदार से डर गए हैं. यहां के लोगों का समर्थन मिलता देख भाजपा को डर सताने लगा कि उनका प्रत्याशी चुनाव हार जाएगा. उन्होंने कहा कि जब निर्दल प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया तो जिला निर्वाचन अधिकारी ने कोई आब्जेक्शन नहीं किया था. सोमवार को सपा प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया तो भी कुछ नहीं बताया गया. मंगलवार को मुझे बुलाकर नोटिस थमाया जाता है कि मुख्य निर्वाचन आयोग से बुधवार सुबह 11 बजे तक परमिशन लेकर आने पर ही नामांकन वैध माना जाएगा. तेज बहादुर के वकील राजेश गुप्ता ने बताया कि ऐसी कोई कानूनी अड़चन नहीं है. जानबूझकर नामांकन खारिज किया जा रहा है. हम लोग बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में न्याय की गुहार लगाएंगे.
..और भड़क गई महिला
पति का पर्चा खारिज होने की खबर जैसे ही पत्नी को लगी वह आपे से बाहर हो गयी और नामांकन स्थल के पास जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. हद तो तब हो गयी जब वह सुरक्षा प्वाइंट से अंदर प्रवेश करने की जिद पर अड़ गयी. रोके जाने पर सुरक्षाकर्मियों से भिड़ते हुए जबरदस्ती अंदर प्रवेश करने की कोशिश की. चम्पारण बिहार से आयी महिला का आरोप था कि एक-एक पाई जुटाकर बनारस से चुनाव लड़ने की तैयारी की थी. नामिनेशन पर रुपए खर्च किए थे, लेकिन सारे प्रयास के बावजूद पति गजाधर सिंह का पर्चा खारिज कर दिया गया.
धरने पर बैठे अविमुक्तेश्वरानंद
अखिल भारतीय संत परिषद के प्रत्याशी वेदांताचार्य भगवान पाठक का नामांकन पत्र खारिज होने पर संत समाज नाराज हो गया. इसकी सूचना मिलने पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद कलेक्ट्रेट पहुंचे और संतों के साथ धरने पर बैठ गए. उन्होंने आरोप लगाया कि बिना किसी त्रुटि के ही उनके प्रत्याशी का नामांकन रद किया गया है. निर्वाचन आयोग सरकार के इशारे पर काम कर रही है. जब तक प्रत्याशी भगवान पाठक का नामांकन पत्र वैध नहीं होगा, वह धरने पर बैठे रहेंगे.