पाक को करारा जवाब
इंफाल (प्रेट्र)। मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ के बयानों की आलोचना करते हुए कहा कि सलमान ने जो गलती की, वो उसकी कीमत चुका रहे हैं। उन्होंने कहा कि 'भारत का अपना संविधान, कानून है और वह अपनी समस्या खुद सुलझा सकता है, इसमें बाहरी को दखलंदाजी करने की कोई जरूरत नहीं है।' इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि 'भारत में किसी व्यक्ति को धर्म, जाति या वर्ग के आधार पर नहीं बल्कि अपराध के मुताबिक सजा मिलती है और यहां ‘अल्पसंख्यक’ और‘ बहुसंख्यक’ होने के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होता, यदि ऐसा होता तो सैफ अली खान को भी सजा मिलती'।
सलमान खान पर टिप्पणी
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक इंटरव्यू के दौरान भारत की न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए बेतुका बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि सलमान खान को अल्पसंख्यक होने के चलते पांच साल कैद की सजा दी गई है। इसके बाद उन्होंने यह भी कहा कि 'हो सकता है कि अगर सलमान खान भारत में सत्ताधारी दल से जुड़े होते तो उन्हें इतनी कड़ी सजा नहीं मिलती और कोर्ट उन्हें कम सजा सुनाती।'
सलमान को जेल
गौरतलब है कि काला हिरण शिकार मामले में जोधपुर की कोर्ट ने बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान को दोषी करार दिया है। अदालत ने उन्हें 5 साल की सजा और 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। हालांकि इसी मामले में अन्य फिल्मी सितारों को बरी कर दिया गया है।
ये था मामला
मालूम हो कि बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान पर जोधपुर में फिल्म 'हम साथ साथ हैं' की शूटिग के दौरान साल 1998 में कांकणी गांव में दो काले हिरणों का शिकार करने का आरोप था। ग्रामीणों ने सलमान खान के साथ जिप्सी में तब्बू, नीलम, सोनाली बेंद्रे और सैफ अली खान सहित एक स्थानीय निवासी दुष्यंत सिह को देखा था। इस पर इनके खिलाफ वन अधिकारी ललित बोड़ा ने जोधपुर के लूणी पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज कराया। विश्नोई समाज की ओर से भी एक परिवाद पेश किया गया था।
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