पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जिक्र नहीं
नागपुर पुलिस का कहना है कि जज लोया की मौत का कारण साफ हो गया है। उनके केस की पोस्टमॉर्टम और फॉरेंसिक रिपोर्ट भी आ चुकी है। इनमें स्पष्ट हो चुका है कि उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई थी। नागपुर पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर शिवाजी बोडखे का कहना है कि उनके शरीर में किसी तरह का जहर मिलने का जो संदेह जताया गया था। ऐसा कुछ पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जिक्र नहीं हुआ है। वहीं जस्टिस लोया के बेटे ने भी हाल ही में अपने पिता की मौत को नेचुरल डेथ बता चुका है। उसका कहना था कि उसे पिता की मौत पर कोई संदेह नही है। लोया सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर केस में जज थे। सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर केस देश के चर्चित एनकाउंटरों में से एक हैं।
देश के चर्चित एनकाउंटरों में एक
सोहराबुद्दीन शेख को लेकर खबरें थीं कि उसके संबंध पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से है। ऐसे में गुजरात के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर बी को अगवा कर लिया था। इसके बाद नवंबर 2005 में गांधीनगर के करीब उसकी कथित फर्जी एनकाउंटर में हत्या किए जानें की खबर आई थी। इतना ही नहीं दिसंबर 2006 में पुलिस ने सोहराबुद्दीन शेख के करीबी दोस्त तुलसीराम प्रजापति की गुजरात के बनासकांठा में हत्या कर दी थी। तुलसीराम प्रजापति को सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर का चश्मदीद गवाह माना जा रहा था। वहीं इस सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर केस की सुनवाई सीबीआई के स्पेशल जज बीएच लोया थे।
लोया की मौत पर बहन को था शक
वहीं जज बीएच लोया 1 दिसंबर 2014 को नागपुर में एक विवाह कार्यक्रम में शरीक होने जा रहे थे। इस दौरान हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई थी। बीते साल अचानक से उनकी बहन ने इस मामले में शक जाहिर करते हुए कहा कि वह भाई नेचुरल डेथ नहीं मान रही हैं। ऐसे में इस मामले के तार भी सोहराबुद्दीन एनकाउंटर से जोड़े जाने लगे थे और यह मामला काफी चर्चा में रहा। बतादें कि सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में बीजेपी के प्रेसिडेंट अमित शाह समेत कई नेताओं और पुलिस अधिकारियों का नाम चर्चा में रहा। हालांकि जांच में अमित शाह समेत कुछ लोगों को बरी किया जा चुका है। वहीं अभी 20 से अधिक अफसरों के खिलाफ जांच चल रही है।
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