कानपुर। डेलॉयट के एक सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक, स्मार्टफोन पर टॉयलेट सीट से ज्यादा बैक्टीरिया पाए जाते हैं। जहां टॉयलेट सीट में बैक्टीरिया की 3 प्रजातियां पाई जाती हैं। वहीं मोबाइल पर इनकी प्रजाति की संख्या 10 से 12 होती है। मोबाइल की स्क्रीन पर ई-कोलाइ और फीकल जैसे खतरनाक बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते हैं। ऐसे गैजेट्स की साफ-सफाई भी बहुत जरूरी है।
स्मार्टफोन की सफाई
जब हम फोन का इस्तेमाल करते हैं, तो स्क्रीन पर पसीना लग जाता है। इस वजह से मोबाइल स्क्रीन पर कीटाणु पनपता है। स्मार्टफोन या फिर टैबलेट की स्क्रीन को साफ करने के लिए माइक्रो फाइबर कपड़े इस्तेमाल करें, जो काफी सॉफ्ट होता है और इससे स्क्रीन पर स्कैच नहीं आती है। स्क्रीन की सफाई के लिए बाजार में कई तरह के लिक्विड भी मिलते हैं। आप कपड़े पर हल्का पानी डालकर आसानी से स्क्रीन साफ कर सकते हैं। अपनी डिवाइस को स्विच ऑफ कर दें और फिर उसे कपड़े और डिस्टिल्ड वॉटर की सहायता से साफ करें। अगर आप बाहर से लिक्विड खरीदना नहीं चाहते तो घर में ही 40/60 के रेशियो में अल्कोहल और पानी मिलाकर फोन के की-बोर्ड की सफाई कर सकते हैं। कई बार डस्ट स्मार्टफोन के हेडफोन व चार्जिंग प्वाइंट में जमा हो जाती है। आप इसे टूथपिक की मदद से हटा सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि सफाई करने के दौरान कोई हिस्सा टूटकर अंदर न रह जाए।
लैपटॉप-डेस्कटॉप को कैसे रखें साफ
साफ लैपटॉप में अक्सर कीबोर्ड के आसपास डस्ट जम जाते हैं। कीबोर्ड की सफाई करने के दौरान सबसे पहले लैपटॉप को ऑफ कर दें। उसके बाद की क्लीनर इससे गैजेट्स को साफ करने में आसानी होती है। इसके लिए एक इयर बड में या फिर थोड़ी-सी रुई को किसी छोटी लकड़ी में बहुत कम मात्रा में एल्कोहॉल लगाकर हल्के हाथ से गैजेट्स की सफाई कर सकते हैं। कभी भी क्लीनर को सीधे गैजेट्स पर न डालें। सबसे महत्वपूर्ण है स्क्रीन की सफाई। लैपटॉप या डेस्कटॉप की स्क्रीन को साफ करने के लिए लिक्विड सॉल्यूशन का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए बाजार में क्लीनर मिल जाएंगे। स्क्रीन की सफाई के लिए माइक्त्रोफाइबर कपड़े का इस्तेमाल करें। लैपटॉप की बैटरी में अगर धूल जम जाए तो सिस्टम के गर्म होने का खतरा रहता है। इसलिए इनकी एक या दो महीनों में सफाई होती रहनी चाहिए। कई बार इसके हैडफोन जैक में या फिर यूएसबी पोर्ट में डस्ट जम जाती है। जिसकी वजह से वह ठीक से काम नहीं करते हैं या फिर कभी कभी काम करते है। इस स्थिति में हैडफोन जैक या यूएसबी पोर्ट को टूथपिक से साफ किया जा सकता है। टूथपिक के सिरे में थोड़ी-सी रुई लगाएं और जमी हुई गंदगी को साफ करें। इसके लिए क्लीनर का भी इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
कंप्यूटर माउस की सफाई
माउस की सफाई भी बहुत जरूरी है। माउस की सफाई के लिए डस्ट ब्लोअर और एयर कंप्रेसर का इस्तेमाल कर सकते हैं। माउस सही से ना चले तो उसे पलट कर उसका ट्रैकबॉल निकाल उसकी सफाई की जा सकती है। आजकल के ऑप्टिकल माउस में लाइट रेज की जगह पर आमतौर पर माउस के निचले हिस्से में गंदगी जमा हो जाती है। लंबे मुलायम बालों वाले ब्रश से अगर इसे साफ करें, तो एक हद तक माउस की वर्किंग लाइफ बढ़ जाएगी। आम तौर पर हाथ से निकलने वाले पसीने से माउस गंदा होता है।
इन टूल्स का करें प्रयोग
गैजेट्स की साफ-सफाई के दौरान माइक्रोफाइबर लिंट-फ्री क्लॉथ, डस्ट ब्लोअर, कंप्रेस्ड एयर जैसे टूल्स जरूरी होते हैं। इसके अलावा, रबिंग अल्कोहल भी आपको रखना चाहिए, क्योंकि गैजेट्स को कभी भी पानी से साफ नहीं करना चाहिए। गुनगुने गर्म पानी का इस्तेमाल प्लास्टिक कंपोनेंट जैसे कीबोर्ड के कीज को साफ करने के लिए कर सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स पर इसका इस्तेमाल बिल्कुल भी न करें। फ्लैट हेड स्क्रू ड्राइवर भी कीबोर्ड की सफाई के लिए ये बढि़या टूल है। वैसे, चार्जिंग पोर्ट्स आदि में जमी धूल को हटाने के लिए टूथ पिक की मदद भी ली जा सकती है।
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