कोलंबो (एजेंसी)। श्रीलंका में सीरियल बम धमाके के बाद देशभर में फैली सांप्रदायिक हिंसा के चलते सभी मुस्लिम मंत्रियों ने सोमवार को अपने संबंधित पदों से इस्तीफा देने का फैसला किया है। उनका कहना है कि बम धमाके के बाद देशभर में फैली हिंसा में मुख्य रूप से अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है और सरकार उनकी रक्षा करने में विफल साबित हो रही है। न्याय और कारागार सुधार मंत्री राउफ हकीम ने बताया कि वह इस्तीफा के बाद भी सरकार का समर्थन करना जारी रखेंगे। मंत्री ने कहा, 'हम सरकार का समर्थन करते रहेंगे लेकिन सिर्फ इसी शर्त पर कि सभी अल्पसंख्यकों को देश में बराबर समझा जायेगा व उन्हें समान न्याय मिलेगा और इस हिंसा की निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी। अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर हम समर्थन देने के बारे में फिर से विचार करेंगे।'
बौद्ध भिक्षुओं के तल्ख बयानों के बाद लिया गया यह निर्णय
मंत्री के अनुसार, कैबिनेट मंत्री कबीर हाशिम, एमएचए हलीम, और ऋषद बाथुइदीन, राज्य मंत्रियों फैजल कासिम, एचएमएम हरेस, अमीर अली शिहाबदीन और सैय्यद अली जाबीर मौलाना और उप मंत्री अब्दुल्ला महरोफ ने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। यह निर्णय बौद्ध भिक्षुओं के तल्ख बयानों के बाद आया है, जिसमें फायरब्रांड भिक्षु गलगोडा अथे ज्ञानसारा थेरो ने साफ तौर पर सरकार को मुस्लिम प्रांतीय गवर्नरों और मंत्रियों को एक समय सीमा के अंदर बर्खास्त करने की बात कही है। बता दें कि श्रीलंका में सीरियल बम धमाके के बाद देशभर में मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा फैल गई। सैकड़ों उपद्रवियों ने मस्जिदों को तोड़ डाले और मुसलमानों के कई दुकानों को भी जला दिया। इससे उनकी काफी संपत्ति का नुकसान हुआ। लोग अभी भी अल्पसंख्यकों पर हमला करने की धमकियां दे रहे हैं।
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कई लोगों की हो गई थी मौत
उल्लेखनीय है कि ईस्टर के दिन चर्च और होटलों में हुए आत्मघाती धमाकों में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इसी के बाद वहां मुस्लिमों को निशाना बनाया जा रहा है। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने इन धमाकों की जिम्मेदारी ली थी। लेकिन श्रीलंका सरकार का कहना है कि इन धमाकों को स्थानीय आतंकी संगठन नेशनल तौहीद जमात ने अंजाम दिया था। इन धमाकों के बाद हुई तलाशी में मस्जिदों से भारी मात्रा में तलवार और अन्य हथियार बरामद किए गए थे।
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