मरे ने डॉक्टरों से सलाह के बाद रोलां गैरां से हटने का फैसला किया ताकि वह अगले महीने होने वाले साल के तीसरे ग्रैंडस्लैम विंबलडन ओपेन में पूरी तरह से फिट होकर उतर सकें.
अमेरिकी ओपेन और ओलंपिक चैंपियन मरे ने कहा कि मेरे लिए यह बहुत मुश्किल फैसला था. मुझे पेरिस में खेलना पसंद है, लेकिन डॉक्टरों ने मुझे बताया कि मैं पूरी तरह से फिट नहीं हूं. लिहाजा उनसे बात करने के बाद मैंने फ्रेंच ओपेन से हटने का निर्णय लिया ताकि लंदन में होने वाले विंबलडन के लिए पूरी तरह फिट हो सकूं.
पिछले सप्ताह रोम मास्टर्स के दूसरे दौर में स्पेन के मार्सेल ग्रानोलर्स के खिलाफ मैच में मरे की कमर में चोट लग गई थी, जिसके बाद खुद मरे ने फ्रेंच ओपेन में खेलने पर चिंता जताई थी.
इस मैच के बाद मरे ने कहा था कि अगर मैं पेरिस में खेलता हूं तो यह मेरे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं होगा। 2007 के बाद यह पहला अवसर है जब मरे किसी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेंगे.
मरे के अलावा अर्जेंटीना के जुआन मार्टिन डेल पोत्रो ने भी फ्रेंच ओपेन से नाम वापस ले लिया है. पिछले साल फ्रेंच ओपेन के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाले पोत्रो बीमारी से नहीं उबर सके हैं। अमेरिका के मर्डी फिश और ब्रायन बेकर भी इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में नहीं खेल सकेंगे.
दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलियाई टेनिस खिलाड़ी बर्नार्ड टॉमिक ने विवाद को भुलाकर फ्रेंच ओपेन में उतरने का फैसला किया है. हाल ही में बर्नार्ड के पिता जॉन टॉमिक पर पेशेवर टेनिस संघ (एटीपी) ने होटल के बाहर बर्नार्ड के ट्रेनिंग पार्टनर से मारपीट करने के बाद किसी भी टूर्नामेंट में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद बर्नार्ड ने रोम मास्टर्स से नाम वापस ले लिया था.
टेनिस ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख टॉड वुडब्रिज ने कहा कि मैंने टॉमिक के पिता से बात की और उन्होंने मुझे बताया कि वह पेरिस में हैं और बर्नार्ड फ्रेंच ओपेन में हिस्सा लेंगे. मुझे लगता है कि यह बर्नार्ड के लिए अच्छी बात है. इस तरह के विवाद से खिलाड़ी पर काफी असर पड़ता है और क्ले कोर्ट पर बर्नार्ड का अच्छा प्रदर्शन रहा है. इससे उन्हें विंबलडन से पहले लय हासिल करने में मदद मिलेगी.