कानपुर। 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले में ताज होटल धू-धू कर जल उठा था। इस हमले में पाकिस्तानी आतंकी शामिल थे।
इस हमले में ताज होटल के अलावा लियोपोल्ड कैफे, नरीमन हाउस, छत्रपति शिवाजी टरमिनस, होटल ट्राइडेंट ओबरॉय निशाना बने थे।
मुंबई के इस हमले में करीब 166 लोगों की जान गई थी। वहीं करीब 300 से अधिक लोग घायल हुए थे।
आतंकियों के लियोपोल्ड कैफे और होटल होने की जानकारी से हड़कंप मच गया था। मौजूद लोग बदहवास होकर इधर-उधर भागने लगे थे।
करीब 72 घंटे चले इस संघर्ष में आतकियों ने देश को हिलाकर रख दिया था। सुरक्षा कर्मियों ने आतंकियों को चारों ओर से घेर लिया था।
नरीमन हाउस में आतंकियों पर नजर रखे सीआरपीएफ का जवान। कोलाबा के समुद्री तट से एक नाव के जरिए भारत में एंट्री की थी।
आतंकी हमले से निपटने के लिए व राहत कार्यों में फायरफाइटर्स भी एक्टिव थे। हेलीकाॅप्टर के जरिए लोगों को खिड़कियों के सहारे निकाला जा रहा था।
होटल में फंसे लोगों को निकालने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाए जा रहे थे। होटलों के पर्दे लोगों के लिए बड़े काम आए थे।
कई मंजिला होटलों में लोग नीचे आने के लिए लाेग जीने आदि की बजाय पर्दाें से लटककर नीचे आ रहे थे।
हमला कितना भयानक था। उसे बयां करने के लिए यह तस्वीर काफी हैै। हमले में इंसान ही नहीं परिंदे भी दहशत में आ गए थे।
हमले में घायल हुए थे विदेशी नागरिक भी। वही हमले में 9 आतंकी मारे गए थे जबकि एक आतंकी अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया था।
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