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LUCKNOW (22 Nov):
'सपा सरकार ने इतना काम किया, अखिलेश ने सारे वादे पूरे किये फिर भी किसने धोखा दिया जो केवल 47 सीटें ही मिली। चुनाव हारने के बाद अखिलेश ने ऐसे नेताओं को बड़े पद भी सौंप दिए, आज मैं ऐसे लोगों का नाम लेकर उन्हें बदनाम नहीं करूंगा। ये वे लोग हैं जो अपना बूथ तक नहीं जितवा सके। उनके घर में 51 वोट थे, वो तक पार्टी को नहीं दिला पाए। अखिलेश अकेले में पूछेंगे तो नाम बता दूंगा। मुझे शर्म आ रही है कि सपा को केवल 47 सीटें ही मिली। इतनी कम सीटें तो अयोध्या में गोली चलवाने के बाद भी नहीं मिली थी। मैं पार्टी को कमजोर नहीं देखना चाहता, मैंने अकेले इस पार्टी को खड़ा किया है।
खूब सुनाई खरी-खोटी
समाजवादी पार्टी के संस्थापक और संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने अपने 79वें जन्मदिन पर पार्टी मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में माइक संभाला तो सबकी नजरें उनके संबोधन पर थी। मुलायम ने अपने भाषण की शुरुआत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को आशीर्वाद देने की बात से शुरू की। कहा कि अखिलेश को आशीर्वाद दिया है और देते रहेंगे। राजनीति करता है लेकिन मेरा बेटा पहले है, नेता बाद में। मेरे जन्मदिन पर लोग यूपी ही नहीं, बाकी प्रदेशों में भी खुश होकर नारेबाजी कर रहे हैं। जिंदाबाद के नारों से नेताओं का मनोबल बढ़ता है, लेकिन हमें गरीबों, मजलूमों के लिए संघर्ष करना है। आज भी 35 फीसद लोगों को दो वक्त का खाना नहीं मिलता है। मेरा जन्मदिन मनाना है तो वापस जाकर किसी भूखे परिवार की मदद करना। पार्टी नेताओं से बोले कि जनता के बीच जाकर छवि बनानी होगी। छवि खराब होती है तो जनता पार्टी को खारिज कर देती है। इसी वजह से अखिलेश की मेहनत बेकार चली गयी।
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मुसलमान देना चाहते थे वोट
मुलायम ने कहा कि चुनाव में मुसलमान सपा को ही वोट देना चाहते थे, लेकिन हमारे लोग उनसे वोट नहीं डलवा पाए। आजादी के बाद से मुसलमानों ने अपना सबसे ज्यादा समर्थन सपा को दिया है। कहा कि देश की एकता के लिए अयोध्या में 28 से ज्यादा लोगों को भी मारना पड़ता तो पीछे नहीं हटते। अयोध्या में गोली चलने से बीस लोग मरे तो पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेई ने संसद में 56 लोगों की मौत होने की बात कही। मैंने उनसे कहा कि यदि आप सूची दे देंगे तो पैर छूकर माफी मांग लूंगा। बाद में 28 लोगों की मौत की पुष्टि हुई तो मैंने बाकियों के परिवारों की भी मदद की।
शिवपाल का रहा इंतजार
मुलायम के जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रम में पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव शामिल नहीं हुए। साथ ही प्रोफेसर राम गोपाल यादव, आजम खान, नरेश अग्रवाल, बेनी प्रसाद वर्मा जैसे वरिष्ठ नेताओं ने भी दूरी बनाए रखी। मुलायम ने केक काटने के बाद सबसे पहले अखिलेश का मुंह मीठा कराया। अखिलेश ने उनके पैर छुए तो उन्होंने पीठ ठोक कर अपना आशीर्वाद भी दिया। इस दौरान अखिलेश ने बसपा से सपा में आए इंद्रजीत सरोज को मुलायम से मिलवाया।
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गीता का महत्व ज्यादा
वहीं हिंदी संस्थान के पूर्व अध्यक्ष उदय प्रताप भी मुलायम को अपना आशीर्वाद देने आए थे। मालूम हो कि वे मुलायम के गुरु भी रह चुके है। हाल ही में राम और कृष्ण को लेकर दिए गये मुलायम के बयान पर बोले कि यह शैक्षिक और सैद्धांतिक रूप से सही है कि पूरे विश्व में राम से ज्यादा कृष्ण और गीता का महत्व है। वहीं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडे ने मुलायम को बधाई देने के साथ उनसे शोषण करने वाली सरकार को हटाने का आशीर्वाद मांग लिया।
फोन पर दी बधाई
वहीं दूसरी ओर शिवपाल सिंह यादव ने सपा मुख्यालय में हुए कार्यक्रम का आमंत्रण न मिलने पर कहा कि जन्मदिन में आने का कोई आमंत्रण नहीं होता है। मैं चुनाव प्रचार में व्यस्त था। मैंने सुबह ही नेताजी को फोन पर बधाई दे दी थी।
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