नई दिल्ली (पीटीआई)। भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी इस महीने के आखिर में कश्मीर जा रहे हैं। 2011 में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि से सम्मानित एमएस धोनी ने विंडीज दौरे से नाम वापस लेकर सेना की नौकरी करने का फैसला लिया था। ऐसे में माही क्रिकेट टीम से करीब दो महीने दूर रहेंगे और सेना में अपनी ड्यूटी निभाएंगे। सेना से जुड़े अफसरों ने गुरवार को बताया कि, धोनी 31 जुलाई को जम्मू-कश्मीर में अपनी बटालियन के साथ जुड़ जाएंगे।
सैनिकों के साथ लगाएंगे गश्त
38 साल के भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज एमएस धोनी 106 टेरिटोरियल आर्मी की पैरा बटालियन का हिस्सा बनने जा रहे। धोनी यहां करीब 15 दिन रहेंगे। सेना के अफिशियल बयान के मुताबिक, माही यहां साथी सैनिकों के साथ गश्त करते नजर आएंगे। यही नहीं वह गार्ड की जिम्मेदारी भी निभाएंगे।
2011 में मिली थी सेना की वर्दी
भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज और पूर्व कप्तान एमएस धोनी को आर्मी ड्रेस काफी अच्छी लगती हैं। यही वजह है कि वह कैमोफ्लेग ड्रेस में अक्सर नजर आते हैं। मगर अब तो उन्हें इसकी आधिकारिक इजाजत भी मिली है। 2011 वर्ल्ड कप जीतने के बाद प्रादेशिक सेना ने धोनी को लेफ्टिनेंट कर्नल की मानक उपाधि से नवाजा था। धोनी का सपना था कि वह भी आर्मी ज्वॉइन करते हालांकि वह सीधे तौर पर न सही, ऑनरेरी ले.कर्नल बन गए। भारतीय सेना का हिस्सा बनने के बाद धोनी को वो सारी सुविधाएं मिलती हैं जो सेना के एक जवान को मिलती है।
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15,000 फीट की ऊंचाई से लगाई थी छलांग
धोनी को सेना की वर्दी भले ही सम्मान के तौर पर मिली हो, मगर माही ने वर्दी पहनकर कड़ी ट्रेनिंग भी ली है। चार साल पहले की बात है जब आगरा स्थित भारतीय सेना के पैरा रेजिमेंट से धोनी ने पैरा जंप लगाया था। उन्होंने पैरा ट्रूपर ट्रेनिंग स्कूल से ट्रेनिंग लेने के बाद करीब 15,000 फ़ीट की ऊंचाई से पांच छलांगें लगाईं थीं। इसमें एक छलांग रात में लगाई गई थी। धोनी पैरा जंप लगाने वाले पहले स्पोर्ट्स पर्सन भी हैं।
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