कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। लहसुन ने भारतीय खाने के साथ साथ विदेशी खाने पर भी पकड़ बना रखी है। अब बात ही ऐसी है लहसुन में। जिस भी खाने में डाल दो उसका जायका बढ़ा देता है। लेकिन कभी कभी ये सवाल भी सुनने में आता है कि लहसुन है क्या सब्जी या मसाला। कोई इसे सब्जी मानता है तो कोई मसाला। लेकिन अब इस सवाल नें मसले का रूप ले लिया है। जो कि खास चर्चा में है। चर्चा में होने का कारण है मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का फैसला। दरअसल किसानों के एक संगठन के अनुरोध पर मध्य प्रदेश मंडी बोर्ड ने 2015 में लहसुन को सब्जी की श्रेणी में शामिल कर लिया था। हालांकि इसके बाद ही कृषि विभाग ने उस आदेश को रद्द कर दिया था और कृषि उपज मंडी समिति अधिनियम का हवाला देते हुए, इसे मसाले की श्रेणी में डाल दिया था। मगर इस मसले का हल फिर भी नहीं हुआ और मामला कोर्ट में फिर से उठा। जिसको लेकर कोर्ट ने फैसला दिया।

2017 में भी जारी किया था आदेश
यह पहली बार नहीं है, जब लहसुन को लेकर विवाद हुआ हो। इससे पहले भी ये मामला कोर्ट में पहुंचा है। साल 2017 में भी कोर्ट में जस्टिस एसए धर्माधिकारी और डी वेंकटरमन की खंडपीठ नें लहसुन को सब्जी की श्रेणी में रखे जाने का फैसला सुनाया था। कोर्ट नें उसी फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि लहसुन जल्दी खराब होने वाला है। इसलिए इसको सब्जी की श्रेणी में रखा जाएगा। हालांकि इसको मसालों के बाजार में भी बेचा जा सकेगा।

9 साल से फंसा था केस
लहसुन का ये मामला कोई नया नहीं है। सबसे पहले आलू-प्याज-लहसुन कमीशन एजेंट एसोसिएशन 2016 में प्रमुख सचिव के आदेश के खिलाफ इंदौर बेंच पहुंची थी। जिसके बाद फरवरी 2017 में सिंगल जज ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया था। लेकिन इस फैसले को लेकर व्यापारियों नें सवाल उठाया। व्यापारियों का कहना था कि इससे कमीशन एजेंटों को फायदा होगा,किसानों को नहीं।

डबल जज की बेंच नें दिया फैसला
कोर्ट के फैसले के बाद याचिकाकर्ता मुकेश सोमानी ने जुलाई 2017 में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने लहसुन को जनवरी 2024 में दोबारा मसाला शेल्फ में भेज दिया। हाईकोर्ट का कहना है कि पिछले आदेश से केवल व्यापारियों को लाभ होता, किसानों को नहीं।

बदले जा सकेंगे नियम
इंदौर की डबल बेंच ने 23 जुलाई को दिए अपने आदेश में 2017 के आदेश को बहाल रखा। इसके साथ ही कोर्ट ने मंडी बोर्ड के प्रबंध निदेशक को मंडी नियमों में बदलाव करने की अनुमति दी है।

क्या है कोर्ट का आदेश
हाईकोर्ट नें अपने आदेश में कहा, किसानों ने कहा था कि लहसुन को सब्जी के रूप में एजेंटों के माध्यम से बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए, जबकि राज्य सरकार ने इसे मसाले के रूप में बेचने की सिफारिश की है। मध्य प्रदेश मंडी बोर्ड के संयुक्त निदेशक चन्द्रशेखर ने कहा कि कोर्ट के आदेश से सब्जी मंडियों में कमीशन एजेंट्स को लहसुन की बोली लगाने की अनुमति मिल जाएगी।

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