माया सुर्वे (जॉन अब्राहम) एक ऐसे मर्डर के लिए लाइफ इनप्रेजनमेंट की सजा पाता है जो एक्च्यूली उसने नहीं किया. वो जेल में शेख मुनीर (तुषार कपूर) से मिलता है और दोनों की फ्रेंडशिप हो जाती है. शेख के साथ वो जेल से फरार हो जाता है. बाहर आ कर वो मुंबई में अपना एक खतरनाक गैंग तैयार करता है. जल्दी ही वो एक क्रुएल और डेंजरेस गैंगस्टर के तौर पर स्टैबलिश हो जाता है. इसके साथ ही उसकी दुश्मनी दूसरे खतरनाक गैंगस्टर दिलावर इम्तियाज हस्कर (सोनू सूद) और उसके ब्रदर जुबेर इम्तियाज हस्कर (मनोज बाजपेयी) के साथ हो जाती है. जो हर हाल में उसको जान से मार डालना चाहते हैं ताकि उनकी मोनोपली बनी रह सके. वैसे कुछ अलग रीजंस से ऐसा ही कुछ जांबाज एसीपी इसहाक बागवान (अनिल कपूर) भी चाहता है. मुंबई को माया भाई के टैरर से निकालने के लिए वो फाइनली एक ब्रूटल एनकाउंटर में उसे मार डालता है. और माया सुर्वे की कहानी खत्म हो जाती है.
फिल्म की कहानी बेशक दो लाइंस में बयान हो जाती है लेकिन उसका इंपेक्ट आप के ऊपर लंबे टाइम तक रहेगा. बतौर डायरेक्टर संजय गुप्ता का ये बेस्ट वर्क है. उन्होंने पूरी फिल्म में व्यूअर्स को बांधे रखा है. एक सेकेंड के लिए भी आप स्क्रीन से आंखें हटा नहीं सकेंगे. फिल्म के एक्शन सींस कमाल के हैं. आज के दौर से अलग एक्शन बिलकुल रॉ और रियल है. फिल्म के डॉयलॉग फिल्म की जान हैं और उसमें पंच एड करते हैं. फिल्म का म्यूजिक फिल्म के टैंपरामेंट और मूड के हिसाब से पैपी नंबर्स से भरा हुआ है 'बबली' और 'लैला' के साथ 'आला रे आला' सांग भी आपके पैरों को बीट पर टैप करने के लिए मजबूर कर देगा. हां सांग्स क्लासिक नहीं हैं पर फिल्म में उसकी गुंजाइश भी नहीं थी.
अगर एक्टिंग की बात करें तो जॉन अब्राहम इतने बेहतर कभी नहीं लगे, माया को जैसे उन्होंने पर्दे पर जिंदा किया है वो काबिले तारीफ है. उनके फ्रेंड के तौर पर तुषार एक्सीलेंट हैं ये तुषार की अवार्ड विनिंग पर फारमेंस है और अगले साल की नामिनेशन लिस्ट्स में उनका नाम शामिल हो तो किसी को हैरानी नहीं होगी. दाउद इब्राहिम के बॉयोपिक जैसे करेक्टर में सोनू सूद ने जबरदस्त एक्टिंग की है. मनोज बाजपेयी एज यूजवल कमाल के लगे हैं उनका हर करेक्टर जैसे उन्हीं के लिए बन जाता है. क्लाइमेक्स में माया की गर्लफ्रेंड बनी कंगना रनौत ने अपनी लाइफ टाइम पर फारमेंस की है वैसे भी गैंगस्टर्स की लेडी लव बनने की उन्हें खासी प्रैक्टिस है.
बिना शक सिनेमा के 100 साल पूरे होने पर 'शूट आउट एट वडाला' देखना और उस जैसी फिल्म रिलीज करना एक्चुअल सैलिब्रेशन और सच्चा डैडिकेशन है. इस फिल्म को आप एक से ज्यादा बार भी देखेंगे तो बोर नहीं होंगे क्योंकि ये उन चंद फिल्मों में से जिन्हें सिर्फ स्टोरी के लिए नहीं प्रेजेंटेशन, एक्टिंग और डायरेक्शनल स्किल के लिए भी देखा जाता है.
Director: Sanjay Gupta
cast: Anil Kapoor, John Abraham, Tusshar Kapoor, Kangana Ranaut, Manoj Bajpayee, Sonu Sood, Ronit Roy, Mahesh Manjerekar
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