यशराज बैनर तले बनने वाली फिल्म 'दावत-ए-इश्क' हैदराबाद की शू सेल्स गर्ल गुलरेज़ कादिर (परिणीति चोपड़ा) और लखनऊ के शेफ तारिक हैदर (आदित्य रॉय कपूर) की स्पाइसी लव स्टोरी है. इस लव स्टोरी में प्यार का स्वाद कभी स्वीट है, कभी सॉर और कभी कभी बिटर भी. गुलरेज की लाइफ में एक ऐसा शख्स आता है जो दहेज का लालची है और चोट खायी गुल का यकीन प्यार से उठ जाता है. वो प्यार का गेम खेल कर अपने मिस्टर युनिवर्स को तलाशने चलती है और प्यार के असली स्वाद में अटक जाती है.

Proudcer: Aditya Chopra

Director:  Habib Faisal

Cast: Aditya Roy Kapur, Parineeti Chopra, Anupam Kher, Karan Wahi, Sumit Gaddi

Rating: 3.5/5 star

दूसरी तरफ तारिक उर्फ तारु है जो अपने बनाये कबाब और बिरयानी के फ्लेवर की तरह ऑनेस्टी के अरोमा वाला दिल रखता है. जब वो गुलरेज से मिलता है तो उनके बीच जो प्यार की खिचड़ी पकती है उसमें दोनों अपने अपने मिजाज के इंग्रेडियंस मिलाते हैं. उसकी खुश्बू और टेस्ट ही इस फिल्म की कहानी है.  ये कहानी लाइट है और डाइजेस्टिव भी और कहीं खिचड़ी की तरह बोरिंग भी लगती है.

फिल्म के गाने पहले ही लोगों को पसंद आने लगे हैं जिसमें टाइटिल सांग दावत ए इश्क लंबे समय तक याद भी रहेगा. 'इश्कजादे' के बाद हबीब फैजल के डायरेक्शन में बनी ये दूसरी फिल्म है और इसमें भी उनकी वही कमजोरी दिखती है कि कलाइमेक्स पर आ कर फिल्म पर से उनकी पकड़ ढीली होती दिखती है और कहानी जैसे अपनी मनमर्जी के मोड़ पर अब्रप्टली ठिठक कर खत्म हो जाती है. लेकिन इसके बावजूद परिणीति और आदित्य के लिए ये फिल्म देखना बनता है उन्होंने पूरी ईमानदारी से अपने अपने करेक्टर को पकड़ा है और उसे आखीर तक लेकर चलें हैं. वैसे ये परिणीति हर फिल्म में भागती क्यूं रहती है.

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