क्‍या है फ‍िल्‍म में
कुछ अलग कहने की कोशिश करती ड्रामा-रोमांटिक फिल्म कॉफी ब्लूम आखिर तक भी देखने योग्य नहीं बन पाती. प्रेमी जोड़ा देव आनंद (अर्जुन माथुर) और अंकिता (सुगंधा गर्ग) एक साथ में आत्महत्या करने की कोशिश करते हैं, लेकिन उस कोशिश में अंकिता मर जाती है और देव जिंदा रह जाता है. अब वह संन्यासी बनने की कोशिश करता है, लेकिन उसकी मां की अचानक मौत के बाद उसे जिंदगी को नए सिरे से देखने की प्रेरणा मिलती है. वह कुर्ग के कॉफी प्लांटेशन इलाकों में जाता है. यहां उसकी मुलाकात अंकिता के पति से होती है. कहानी में एक सेक्स वर्कर भी है. कॉफी ब्लूम में देवदास की कहानी की छाप साफ नजर आती है. वहीं इसका ट्रीटमेंट उबाता है. कुला मिला कर बॉक्स ऑफिस के लिए होली का हफ्ता फीका ही रह गया.   

Movie review: Coffee bloom
Cast: Arjun Mathur, Sugandha Garg, Mohan Kapoor;
Director: Manu Warrier
movie review : तरह-तरह की दालों की उबाली हुई फीकी खिचड़ी सी लगती है 'कॉफी ब्‍लूम'

फ‍िल्‍मांकन भी है काफी उबाऊ
फ‍िल्‍म देखते हुए अचानक आपको खुद को जगाने के लिए थप्‍पड़ की भी जरूरत पड़ सकती है. युवाओं को ध्यान में रख कर बनाई गई यह फ‍िल्‍म एक किस्म से निर्देशक की बेवजह की सोच का नतीजा दिखती है. इस कहानी जरा भी दम नहीं है और इसके कहने का अंदाज भी बहुत ज्‍यादा जटिल है.



Courtesy : Mid-day

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