नीरजा की बहादुरी को सलाम
फिल्‍म में सोनम कपूर ने 23 साल की नीरजा भनोट का रोल निभाया है। जोकि एक उभरती मॉडल है और उसे अपनी पर्सर (हवाई जहाज मे यात्रियों की सुरक्षा पर नजर रखने वाली) की जॉब से काफी लगाव है। नीरजा का यह प्रोफेशन भले ही ग्‍लैमरस हो लेकिन वह चंडीगढ़ के मिडिल क्‍लॉस घर से बिलांग करती थी। घर में नीरजा का पालन-पोषण कभी भी इस तरह नहीं हुआ कि, उसे अपनी पहचान बनाने का मौका मिलता। नीरजा की मां (शबाना आजमी) तो अपनी बेटी को लेकर हमेशा चिंतित रहती थी। मां का कहना था कि, जब कभी भी मुसीबत आए तो उसे बचकर निकल जाओ क्‍योंकि एक लड़की के तौर पर जिंदगीभर समझौते ही करने पड़ते हैं। वहीं दूसरी तरफ नीरजा के पिता (योगेंद्र टीकू) एक पत्रकार हैं और वह अपनी बेटी को अन्‍याय के खिलाफ लड़ना सिखाते हैं। नीरजा के लिए एयर होस्‍टेज बनना आसान नहीं था क्‍योंकि उस समय वह नरक बन चुकी शादीशुदा जिंदगी से उबरने की कोशिश कर रही थी।

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DIR: Ram Madhvani

CAST: Sonam Kapoor, Shekhar Ravjiani
movie review : एक लड़की की असाधारण वीरता और सोनम की जबरदस्‍त एक्टिंग के लिए जरूर देखें 'नीरजा'

कहां से शुरु होती है कहानी
नीरजा की जिंदगी का सबसे मनहूस पल तब आता है, जब वह कराची होते हुए बांम्‍बे से यूएस जाने वाली फ्लाइट में ड्यूटी पर जाती है। अभी दो पहले ही वह अपना 24वां बर्थडे सेलीब्रेट करके आई थी और उसका प्रमोशन हेड पर्सर के तौर पर हुआ था। जैसे ही यह प्‍लेन कराची लैंड होता है तो आतंकवादी इसे हाईजैक कर लेते हैं। निर्देशन ने बड़ी चतुराई से नीरजा की फेल मैरिज लाइफ को वर्तमान से जोड़ दिया। क्‍योंकि नीरजा ने जिस तरह से आतंकियों का सामना किया, उससे साबित होता है कि उसकी बीती हुई जिंदगी ने नीरजा को काफी मजबूत बना दिया था। यहां पर एक बार भी ऐसा मौका नहीं आया जब नीरजा ने अपना आत्‍मविश्‍वास खोया हो। उसने सबसे पहले पायलट को अलर्ट किया और बड़ी चालाकी से प्‍लेन में बैठे अमेरिकियों को बचाया क्‍योंकि नीरजा को मालूम पड़ गया था कि आतंकी सबसे पहले अमेरिकियों को निशाना बनाएंगे। इसके बाद नीरजा ने इमरजेंसी दरवाजा खोलकर सभी यात्रियों को जल्‍दी-जल्‍दी बाहर निकाला।

सोनम की अभी तक की सबसे अच्‍छी फिल्‍म
जब कभी रियल लाइफ बेस्‍ड फिल्‍म बनती है तो उसकी कहानी के साथ मिलाप कर पाना आसान नहीं होता है। क्‍योंकि यहां अगर जरा भी मेलोड्रामा दिखा तो फिल्‍म में सच्‍चाई नहीं रह जाती है। यहां पर निर्देशक माधवानी की तारीफ करनी होगी ढाई घंटे की इस फिल्‍म में आप प्रत्‍येक क्षण फिल्‍म से जुड़े रहेंगे। इसके अलावा माधवानी को कलाकारों का भी अच्‍छा सपोर्ट मिला। सोनम ने पूरी ईमानदारी के साथ अपना किरदार निभाया है। कई सींस में वह काफी अच्‍छी दिखी हैं। यह सोनम की अभी तक की बेस्‍ट फिल्‍म है। शबाना आजमी ने भी मां के किरदार में काफी प्रभावित किया है। यह काफी अच्‍छी फिल्‍म है जिसे आपको मिस नहीं करना चाहिए।

Review by : Shubha Shetty Saha
shubha.shetty@mid-day.com

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